Edited By Deepika Rajput,Updated: 20 Jan, 2019 04:25 PM
आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए उत्तर प्रदेश पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। सियासी रण में जीत का शंखनाद करने के उद्देश्य से हर पार्टी एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है।
लखनऊः आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए उत्तर प्रदेश पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। सियासी रण में जीत का शंखनाद करने के उद्देश्य से हर पार्टी एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। सत्तारूढ़ बीजेपी को धूल चटाने के इरादे से सपा-बसपा (SP-BSP) ने गठबंधन कर लिया है। वहीं बीजेपी (BJP) की मुश्किलें बढ़ाने के लिए कईं पार्टियां महागठबंधन से जुड़ सकती हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी ने गरीबों के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। देश का किसान नाखुश है और युवाओं के पास नौकरी नहीं है। जीएसटी (GST) और नोटबंदी (Demonetization) से लोगों के सपने बिखर कर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि कोलकाता (Kolkata) में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने परिवर्तन के लिए हम सभी को एक साथ लाने की पहल की है। एक के बाद एक लोग इस क्रांति का हिस्सा बनने के लिए आगे आ रहे हैं। शायद उन्हें भी इस बात का अहसास हो रहा है कि बीजेपी को सत्ता से हटाना ज्यादा जरूरी है।
बता दें कि, 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में सहयोगी दल के साथ 42 प्रतिशत मत हासिल कर 73 सीटों पर कब्जा किया था, लेकिन उपचुनाव में मिली हार ने बीजेपी को अपनी रणनीति नए सिरे से बनाने के लिए विवश कर दिया है।