Edited By Ramkesh,Updated: 16 Jul, 2022 11:53 AM
उत्तर प्रदेश में लोकसभा उपचुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी गठबंधन में दरार पड़ती हुई दिखाई दे रही है। ऐसे में 2024 के रण में अखिलेश बीजेपी से मुकाबले में अकेले पड़ते जा रहे हैं। अखिलेश का गठबंधन एक बार फिर 2022 के विधान सभा चुनाव में फ्लॉप हो...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा उपचुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी गठबंधन में दरार पड़ती हुई दिखाई दे रही है। ऐसे में 2024 के रण में अखिलेश बीजेपी से मुकाबले में अकेले पड़ते जा रहे हैं। अखिलेश का गठबंधन एक बार फिर 2022 के विधानसभा चुनाव में फ्लॉप रहा है। विधानसभा चुनाव में अखिलेश ने छोटे छोटे दलों के साथ गठबंधन किया उसके बावजूद भी सत्ता की कुर्सी तक नहीं पहुंच पाए। अब अखिलेश 2024 के लिए क्या रणनीति बनाएंगे यह बड़ा सवाल है।
2019 लोकसभा चुनाव में मायावती से गठबंधन भी रहा फ्लॉप
समाजवादी पार्टी ने 2019 में मायावती से गठबंधन किया उस चुनाव में सपा को कोई खास फायदा नहीं हुआ था। इसके पहले अखिलेश यादव ने 2017 के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी से गठबंधन किया फिर उन्हें सफलता नहीं मिली। 2022 के चुनाव में उन्होंने जयंत चौधरी की रालोद, ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा और केशव देव मौर्य की महान दल जैसी छोटी-छोटी पार्टियों को साथ लेकर एक नया गठबंधन तैयार किया लेकिन बीजेपी की प्रचंड लहर के सामने यह भी बिखर गया। अखिलेश के विरोधियों का कहना है कि 2017, 2019 और 2022 के चुनावों की गलतियों से सबक लेकर पार्टी की नीतियों में बदलाव नहीं किया। यहीं वजह रही कि हम लगातार चुनाव हार रहे है। अब देखना है कि अखिलेश यादव 2024 के लिए भाजपा को हराने के लिए क्या रणनीति तैयार करते है।