Edited By Umakant yadav,Updated: 25 Apr, 2021 07:01 PM
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर बनकर टूट रही है। न ही संक्रमण थम रहा है और न ही मरीजों की मौत का सिलसिला थमने का नाम ले रहा है। ऑक्सीजन की कमी और समय पर एंबुलेंस नहीं मिल रही है। श्मशान घाटों पर शवों की लंबी लाइन लग रही है, जबकि...
आगरा: उत्तर प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर बनकर टूट रही है। न ही संक्रमण थम रहा है और न ही मरीजों की मौत का सिलसिला थमने का नाम ले रहा है। ऑक्सीजन की कमी और समय पर एंबुलेंस नहीं मिल रही है। श्मशान घाटों पर शवों की लंबी लाइन लग रही है, जबकि कब्रिस्तान में जगह नहीं है। इसी बीच आगरा से एक दुखद खबर सामने आई है। जहां एंबुलेंस न मिलने के कारण एक बेबस युवक अपने पिता के शव को कार के ऊपर बांधकर श्मशान घाट ले पहुंचने को मजबूर हो गया। श्मशान घाट पर अपनों के शव लेकर पहुंचे परिजनों ने जब यह नजारा देखा, तो उनकी आंखें भी नम हो गईं।
बता दें कि शनिवार को जयपुर हाउस में रहने वाले शख्स के पिता की मौत हो गई। जिसके बाद शख्स को काफी प्रयत्न के बाद एंबुलेंस नहीं मिली। जब कोई रास्ता नहीं दिखा तो युवक ने पिता के शव को कार के ऊपर बांधा और दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचा। अंतिम संस्कार का समय मिलने पर बेटे ने शव को कार की छत से उतारकर नीचे रखा। लेकिन, जब इस मार्मिक दृश्य को अपनों के शव लेकर पहुंचे परिजनों ने देखा तो उनकी आखें भी नम हो गई।
गौरतलब है कि आगरा स्थित ताजगंज श्मशान घाट के विद्युत शवदाह गृह की चिमनियां हर दिन बिना रुके चल रही है। शनिवार को 50 डेड बॉडी पहुंची थी। शाम होने तक अंतिम संस्कार की वेटिंग 5 से 6 घंटे तक रही। विद्युत शवदाह गृह के प्रभारी संजीव गुप्ता का कहना है कि शव बिना रूके लगातार आ रहे हैं। सुबह से रात तक सिलसिला जारी है। हमारी कोशिश रहती है कि अंतिम संस्कार के लिए लोगों को कम से कम इंतजार करना पड़े। सेवक 20-20 घंटे काम कर रहे हैं।