Edited By Deepika Rajput,Updated: 05 Jan, 2019 05:31 PM
सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन अयोध्या मामले को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस विचार से सहमति जताई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार मंदिर-मस्जिद विवाद पर न्यायालय के फैसले का इंतजार करेगी।
अयोध्याः सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन अयोध्या मामले को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस विचार से सहमति जताई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार मंदिर-मस्जिद विवाद पर न्यायालय के फैसले का इंतजार करेगी।
महंत धर्मदास ने कहा कि हमारी मांग है कि इस मुकदमे की दिन प्रतिदिन सुनवाई हो क्योंकि लंबे समय से हम इंसाफ के इंतजार में हैं। किसी भी सरकार में दम नहीं है कि इस मामले में कोई अध्यादेश ला सके। इसका फैसला सिर्फ न्यायालय ही कर सकती है।
मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि जिस प्रकार से रामजन्मभूमि के मुकदमे में सिर्फ तारीख पर तारीख दी जा रही है, उससे देश के करोड़ों हिंदुओं की आस्था का अपमान हुआ है। जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट इस मुकदमे पर अपना फैसला सुनाए।
वहीं विवादित भूमि पर विराजमान रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि हम आशा लगाए बैठे थे कि रामलला मामले में सुनवाई शुरू होगी, लेकिन इस मसले पर सुनवाई न होने से निराशा ही हाथ लगी है।