योगी सरकार की ‘कन्या सुमंगला योजना’ को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता उत्साहित

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 10 Mar, 2019 01:14 PM

social worker excited about yogi sarkar s  kanya sumangla yojana

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की महात्वाकांक्षी ‘कन्या सुमंगला योजना’ के दूरगामी परिणामों को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता खासे उत्साहित हैं, हालांकि इसके कार्यान्वयन को लेकर कुछ आशंकाएं अवश्य हैं। समाजसेवी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता मधुमय मिश्र ने से...

 

लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की महात्वाकांक्षी ‘कन्या सुमंगला योजना’ के दूरगामी परिणामों को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता खासे उत्साहित हैं, हालांकि इसके कार्यान्वयन को लेकर कुछ आशंकाएं अवश्य हैं। समाजसेवी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता मधुमय मिश्र ने से कहा,‘‘जिस तरह केन्द्र सरकार द्वारा बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना के तहत लिंगानुपात को साधने की कवायद की गई है, ठीक उसी तर्ज पर बल्कि एक नजरिये से यूं कहें कि उससे एक कदम आगे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कन्या सुमंगला योजना को धरातल पर उतारने का बीड़ा उठाया है।‘‘

उन्होंने कहा,‘‘इस योजना के तहत बेटियों की शिक्षा और बेहतर भविष्य के लिए जन्म से लेकर स्नातक की शिक्षा ग्रहण करने तक छह किस्तों में 15 हजार रुपए की आर्थिक मदद की जाएगी। ऐसे में साफ है कि यह योजना उन अभिभावकों के लिए उम्मीद की नई किरण बनेगी, जो अपने बेटों को तो पढ़ा लेते हैं लेकिन आर्थिक कारणों से बेटियों को स्कूल भेजने में परहेज करते हैं।‘‘ उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस बार के बजट में 1.80 लाख रुपए तक सालाना आमदनी वाले परिवारों को इस योजना का लाभ देने का ऐलान किया था लेकिन अब राज्य मंत्रिपरिषद ने तीन लाख रुपए तक की सालाना आय वाले परिवारों की बेटियों को इस योजना का लाभ देने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है।

मिश्रा ने कहा कि इससे ज्यादा से ज्यादा बेटियों को कन्या सुमंगला योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत एक परिवार की दो बेटियों को लाभ मिलेगा। योजना की राशि सीधे बेटियों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर मुखर आवाज उठाने वाली अर्चना जितेन्द्र का कहना है कि महिलाओं ने जो इस समाज को दिया है, उसका कर्ज उतारने के लिए केवल एक दिन महिला दिवस मनाना काफी नहीं है। उन्होंने कहा,‘’उसे समाज में बराबरी का दर्जा तो मिलना ही चाहिए। भले आरक्षण मिले या ना मिले। इस योजना के कार्यान्वयन पर ही इसकी सफलता का मापदंड तय होगा ।‘‘

मुख्यमंत्री योगी ने साल 2019-20 का बजट पेश करते हुए इस बाबत जो योजना शुरू की, उसमें बेटी का जन्म होने पर ही 1000 रुपए की आर्थिक सहायता तत्काल उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है जबकि प्रसव के दौरान होने वाले अन्य व्यय पहले से ही नि:शुल्क हैं । वहीं एक वर्ष का टीकाकरण पूरा होने पर 2000 रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी। पहली कक्षा में प्रवेश के बाद पुन: दो हजार रूपये दिये जाएंगे।

योजना के तहत कक्षा छह में प्रवेश लेने के बाद 2000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी जबकि नौंवी कक्षा में प्रवेश के बाद बेटी को तीन हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी । बारहवीं कक्षा पास करने के बाद स्नातक या दो वर्षीय या इससे ज्यादा अवधि वाले कोर्स में दाखिला लेने के बाद 5000 रुपए की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान योजना के तहत किया गया है। सूबे की पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा कथित रूप से कन्याओं/महिलाओं को लेकर चलाई गई विभिन्न योजनाओं पर बतौर सलाहकार पैनी नजर रखने वाली स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर मंजू शुक्ला ने से कहा,‘‘इस योजना में भ्रष्टाचार की संभावना लगभग नगण्य है जबकि पूर्व में भ्रष्टाचार के तमाम रास्ते खुले हुए थे। योगी सरकार का यह कदम वास्तव में आधी आबादी को प्रोत्साहित करने वाला है।‘‘

वहीं सरकारी योजनाओं पर प्राय: नुक्ताचीनी करने वाले पत्रकार जे पी शुक्ला कहते हैं कि योजनाएं तो सरकारें बहुत बनाती हैं, उनका जोर शोर से प्रचार भी होता है लेकिन नौकरशाही की लापरवाही और भ्रष्टाचार की पैठ के चलते योजनाएं धरातल तक नहीं उतर पातीं। हालांकि वह साथ ही यह भी मानते हैं कि सूबे के मुख्यमंत्री ने अब तक जो अपनी प्रशासनिक क्षमता दिखायी है, उसके आधार पर यह माना जा सकता है कि यह योजना अपने उद्देश्यों को प्राप्त करेगी।


 

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!