Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Apr, 2018 07:46 AM
एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलितों के भारत बंद का असर देश के कई राज्यों में देखा गया। दलित संगठनों द्वारा सोमवार को बुलाए गए भारत बंद के दौरान भड़की हिंसा के बाद यूपी के भी कई जिलों में तनाव बरकरार है।
हापुड़: एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलितों के भारत बंद का असर देश के कई राज्यों में देखा गया। दलित संगठनों द्वारा सोमवार को बुलाए गए भारत बंद के दौरान भड़की हिंसा के बाद यूपी के भी कई जिलों में तनाव बरकरार है। हिंसक घटनाओं के मद्देनजर कई जिलों में प्रशासन ने मंगलवार को स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। आगरा, हापुड़, गाजियाबाद में मंगलवार को स्कूल बंद रहेंगे। केवल उन्हीं स्कूलों को खुले रहने की अनुमति दी गई है जहां बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं।
जानकारी के अनुसार आगरा में हुई हिंसा के बाद सोमवार को जिला प्रशासन इसका आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया है कि जिले में मंगलवार को स्कूल बंद रहेंगे। जिले के जिन स्कूलों में बोर्ड परीक्षाएं चल रही है सिर्फ वही स्कूल खोले जाएंगे। उधर, हापुड़ और गाजियाबाद जिला प्रशासन ने भी इस बारे में आदेश जारी कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर बवाल
सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को जारी एक आदेश में एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए इसके तहत तत्काल गिरफ्तारी या आपराधिक मामला दर्ज करने पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज होने वाले केसों में अग्रिम जमानत को भी मंजूरी दे दी थी।
एक्ट में क्या हुआ बदलाव
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम को 11 सितम्बर, 1989 में भारतीय संसद द्वारा पारित किया गया था जिसे 30 जनवरी, 1990 से जम्मू-कश्मीर को छोड़कर सारे भारत में लागू किया गया। इस एक्ट के तहत जातिसूचक शब्द कहने पर तुरंत एफआईआर और गिरफ्तारी का प्रावधान था। सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को इसमें संशोधन करते हुए एसएसपी स्तर के पुलिस अधिकारी द्वारा जांच के बाद एफआईआर करने का नियम बनाया है। सरकारी अधिकारी के खिलाफ शिकायत के मामले में कर्मचारी को नौकरी पर रखने वाले अधिकारी की रिपोर्ट पर ही कर्मचारी पर कार्रवाई हो सकती है। इस बदलाव के विरोध में ही देशभर में प्रदर्शन हो रहा है।