Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 20 Dec, 2020 12:07 PM
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एंव भतीजे अखिलेश द्वारा दिए गए एक सीट को ऑफर को नई पार्टी बनाने वाले चाचा शिवपाल यादव ने ठुकरा दिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल ने कहा कि यह ऑफर देकर उनके साथ क्रूर...
इटावा: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एंव भतीजे अखिलेश द्वारा दिए गए एक सीट को ऑफर को नई पार्टी बनाने वाले चाचा शिवपाल यादव ने ठुकरा दिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल ने कहा कि यह ऑफर देकर उनके साथ क्रूर मजाक किया गया है। शिवपाल यादव ने कहा कि अब वे आगे बढ़ चुके हैं और उनकी पार्टी राज्य में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को मजबूती से लड़ने को तैयार है। इटावा में जिला सहकारी बैंक की 71वीं सालाना बैठक के बाद शिवपाल सिंह यादव ने भतीजे अखिलेश की ओर से दिए गए ऑफर पर नाराजगी जतााई।
शिवपाल यादव ने ऐलान किया है कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी 2022 में किसी से झुककर अलायंस नहीं करेगी। छोटे-छोटे दलों और एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के साथ गठबंधन कर विरोधियों को उनकी हैसियत बताएगी। उन्होंने गैर भाजपाई दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात कही है। एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर पूछे गये सवाल के जबाब में शिवपाल ने कहा कि हमारी पार्टी का गठबंधन गैर भाजपाई होगा। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) छोटे दलों के साथ गठबंधन करेगी। इसके साथ ही एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के साथ गठबंधन की कोशिश की जाएगी। हालांकि, शिवपाल ने उस बड़ी पार्टी के नाम का खुलासा नहीं किया।
इतना ही नहीं शिवपाल ने सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर कहा कि बहुत इंतजार किया जा चुका है। अब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) अपने कदम वापस नहीं लेगी। चाबी चुनाव चिन्ह पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। यादव ने कहा कि अब हम छोटे-छोटे दलों से गठबंधन बना रहे हैं। एक राष्ट्रीय दल से भी वार्ता चल रही है। डॉ. लोहिया की तरह गैर भाजपावाद की राह पर चलकर सभी सेक्युलर दलों को एकत्रित करना चाहते हैं। प्रसपा की प्रदेश में इतनी ताकत है कि 2022 विधानसभा चुनाव में प्रसपा के बगैर किसी की सरकार नहीं बनेगी। जानने प्रोग्य है कि सपा से गंठबंधन पर अखिलेश यादव ने कहा था कि उनकी पार्टी शिवपाल यादव के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेगी और सरकार बनने पर काबीना मंत्री बनाने का ऑफर दिया था।