Edited By Deepika Rajput,Updated: 26 Jun, 2018 09:48 AM
अपने बयानों के कारण समय-समय पर खुद की ही पार्टी को मुश्किलों में डालने वाले भाजपा सांसद शत्रुध्न सिन्हा ने आम आदमी पार्टी के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। ''आप'' की ''जनाधिकार रैली'' के मंच से मोदी का नाम लिए बिना उन पर...
वाराणसीः अपने बयानों के कारण समय-समय पर खुद की ही पार्टी को मुश्किलों में डालने वाले भाजपा सांसद शत्रुध्न सिन्हा ने आम आदमी पार्टी के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। 'आप' की 'जनाधिकार रैली' के मंच से मोदी का नाम लिए बिना उन पर 'तानाशाही' रवैया अपनाने तथा मनमाने तरीके से नोटबंदी एवं जीएसटी लागू कर देश एवं गरीब जनता को भारी नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।
पार्टी में नहीं रखा गया लोकतांत्रिक मर्यादाओं का ख्याल
सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी एवं जीएसटी देश की आम जनता के खिलाफ किया गया सबसे बड़ा गलत फैसला है। इसे लागू करने का फैसला लेने से पहले भाजपा के किसी भी बड़े नेता से राय नहीं ली गई थी। पार्टी में लोकतांत्रिक मर्यादाओं का ख्याल नहीं रखा गया। मनमाने तरीके से लागू किए गए इस फैसले से देश के छोटे कारोबारी सड़कों पर आ गए। ठेले, पटरी वालों और मजदूरों की हालत और खराब हो गई। आज वे भुखमरी की कगार पर पहुंच गए।
केजरीवाल की एक बार फिर थपथपाई पीठ
उन्होंने नोटबंदी के मामले में आप प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक बार फिर पीठ थपथपाई और कहा कि उनके नेतृत्व में लोकतंत्र बचाने के लिए चल रहे अभियानों से लोगों को जुड़ना चाहिए। लेकिन उन्होंने साफ किया कि वे फिलहाल भाजपा के सदस्य हैं और उसकी मर्यादा का पालन कर रहे हैं।
4 साल पहले बनी केंद्र सरकार नहीं दे पाई रोजगार
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि करोड़ों बेरोजगारों को रोजगार देने के का वादा करके 4 साल पहले बनी केंद्र सरकार रोजगार नहीं दे पाई। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वालों के सिवा किसी को भी रोजगार नहीं मिला। सिन्हा ने कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य होने से पहले भारत के नागरिक हैं और इसी नाते वे लोकतंत्र की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाने के लिए यहां आए हैं।
तमाम संवैधानिक संस्थाओं पर मंडरा रहा खतरा
पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा अस्वस्थ होने के कारण नहीं आ सके, लेकिन मोबाइल फोन के जरिए समारोह को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लागू 21 महीने के आपातकाल से आज का अघोषित आपातकाल ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने कहा देश की तमाम संवैधानिक संस्थाओं पर खतरा मंडरा रहा है। उन्हें मनामाने तरीके से चलाने की कोशिश की जा रही है।