Edited By Ruby,Updated: 16 Apr, 2018 01:52 PM
ताजनगरी आगरा में रविवार को मोहब्बत का पैगाम देने वाले मुगल शहंशाह शाहजहां के 363 वें उर्स पर उनकी कब्र पर 1111 मीटर लंबी सतरंगी अकीदत की चादर चढ़ाई गई। इस चादर को हजारों लोगों ने हाथों में लेकर ताज में मौजूद असली कब्र पर चढ़ाया। चादर चढ़ाने वालो में...
आगराः ताजनगरी आगरा में रविवार को मोहब्बत का पैगाम देने वाले मुगल शहंशाह शाहजहां के 363 वें उर्स पर उनकी कब्र पर 1111 मीटर लंबी सतरंगी अकीदत की चादर चढ़ाई गई। इस चादर को हजारों लोगों ने हाथों में लेकर ताज में मौजूद असली कब्र पर चढ़ाया। चादर चढ़ाने वालो में सभी धर्मो के लोगों के साथ विदेशी पर्यटक भी मौजूद रहे। सतरंगी चादर को लेकर जायरीनों ने ताजमहल के दक्षिणी दरवाजे से प्रवेश किया। हजारों हाथ अपने सिर से ऊपर इस चादर को ताजमहल के अन्दर शाहजहां की कब्र तक लेकर गए। कब्र पर पहुंच कर चादरपोशी की गई।
चादरपोशी के बाद देश में अमन -चैन के लिए दुआए भी मांगी गई। शाहजहां की कब्र पर चढ़ने वाली ये सतरंगी चादर सभी धर्म के लोगों की है और चादर खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी ने तैयार कराई है। कब्र पर चादरपोशी के दौरान ताजमहल के मुख्य द्वार पर शहनाई की धुन और नगाड़ा की थाप बजती रही। चादर विदेशी सैलानियों के लिए आश्चर्य का विषय बनी रही।
गौरतलब है कि हर साल शाहजहां का उर्स ताजमहल में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इन तीन दिनों में ही शाहजहां और मुमताज की असली कब्र के दर्शन सैलानी कर पाते हैं। तीन दिन तक चलने वाले उर्स में तीसरे दिन देसी-विदेशी पर्यटकों का प्रवेश पूरे दिन ताजमहल में निशुल्क रहा। सतरंगी चादरपोशी के साथ मुग़ल बादशाह शाहजहां का 363 वां तीन दिवसीय उर्स आज संपन्न हो गया।