Edited By Ajay kumar,Updated: 11 Feb, 2020 12:44 PM
‘रामलला’ के मंदिर निर्माण का सपना देख रहे लोगों ने इसके लिए लंबा इंतजार किया है। इसमें कई कारसेवक शहीद भी हुए हैं। ऐसे में शहीद हुए...
लखनऊः ‘रामलला’ के मंदिर निर्माण का सपना देख रहे लोगों ने इसके लिए लंबा इंतजार किया है। इसमें कई कारसेवक शहीद भी हुए हैं। ऐसे में शहीद हुए कारसेवकों को श्रद्धांजलि देने के लिए अयोध्या की 67.73 एकड़ जमीन पर भव्य राम मंदिर के साथ शहीद स्तम्भ भी बनेगा, जिसके बाद सदा के लिए उनका नाम मंदिर परिसर से जुड़ जाएगा। इसके साथ ही राम मंदिर आंदोलन का पूरा इतिहास शिलापट्ट पर दर्ज किया जाएगा।
स्तंभ में इनके नाम होंगे शामिल
बता दें कि इस स्तम्भ में शरद कोठारी और रामकुमार कोठारी-कोलकत्ता, वासुदेव गुप्ता, राजेन्द्र धरकार, रमेश पांडेय-अयोध्या जैसे अनेक शहीद कारसेवकों के नाम दर्ज किए जाएंगे, जिनकी 1989 और 1992 के आंदोलन में जान गई थी।
इनके अलावा राम मंदिर आंदोलन की अगुवाई करने वाले दाऊ दयाल खन्ना- मेरठ, विजय राजे सिंधिया- ग्वालियर, परमहंस रामचंद्र दास- अयोध्या, महंत अवैद्यनाथ- गोरखपुर, स्वामी वामदेवजी महाराज- वृंदावन, रज्जू भैय्या- प्रयागराज, मोरोपंत पिंगले- नागपुर, कुपसी सुदर्शन- नागपुर, अशोक सिंहल- प्रयागराज, आचार्य गिरिराज किशोर- दिल्ली, ओंकार भावे- दिल्ली, मफल सिंह- दिल्ली, जगद्गुरू पुरूषोत्तमाचार्य- अयोध्या, महेश नारायण सिंह- अयोध्या, श्रीषचन्द्र दीक्षित- लखनऊ, ठाकुर गुरजन सिंह- प्रयागराज, ओम प्रकाशजी- लखनऊ, बीएल शर्मा "प्रेम"- दिल्ली, देवकीनंदन अग्रवाल- प्रयागराज समेत तमाम वरिष्ठ पदाधिकारियों के नाम की पट्टिका भी लगेगी।