Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 19 Feb, 2021 04:01 PM
उत्तर प्रदेश में अमरोहा के बावनखेड़ी में 14/15 अप्रैल 2008 में परिवार के सात सदस्यों को प्रेमी सलीम के साथ मिलकर मौत के घाट उतारने वाले शबनम ने राज्यपाल के नाम अब एक और दया याचिका अर्जी तैयार की है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तक भेजने के लिये यह याचिका...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अमरोहा के बावनखेड़ी में 14/15 अप्रैल 2008 में परिवार के सात सदस्यों को प्रेमी सलीम के साथ मिलकर मौत के घाट उतारने वाले शबनम ने राज्यपाल के नाम अब एक और दया याचिका अर्जी तैयार की है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तक भेजने के लिये यह याचिका उसके वकीलों ने रामपुर के जेल अधीक्षक को सौंपी गई है। हालांकि शबनम का डेथ वारंट अभी तक नहीं आया है, वह कभी भी आ सकता है। शबनम के साथ उसके प्रेमी सलीम को भी फांसी की सजा सुनाई गयी है।
तो ऐसे में अपने सिर से उठने वाले मां के साए आहत शबनम के बेटे ताज ने राष्ट्रपति से अपनी मां की फांसी की सजा को माफ करने की मांग की है। उसने कहा कि राष्ट्रपति अंकल मेरी मां को माफ कर दो। ताज का जन्म 13 दिसंबर 2008 को हुआ था। शबनम का बेटा ताज बुलंदशहर के सुशील विहार कॉलोनी में रहने वाले उस्मान सैफी के पास रहता है।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही उस्मान सैफी ताज को जेल में बंद उसकी मां शबनम से मिलाने के लिए उसे रामपुर जेल ले गये थे। उस्मान सैफी के मुताबिक जब शबनम ने अपने बेटे को देखा तो वो फफक कर रोने लगी और काफी देर तक अपने बेटे ताज से लिपटी रही। साथ ही वह अपने बेटे को बार बार चुम रही थी। शबनम बार बार अपने बेटे से कह रही थी कि पढ़ लिख कर अच्छा इंसान बनना, मैं बुरी मां हूं मुझे कभी याद मत करना।
जानने योग्य है कि शबनम का दया याचिका के लिए दूसरा प्रयास है। इस बारे में जेलर का कहना है कि डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को मथुरा जेल भेज दिया जाएगा। अमरोहा के जिला जज से डेथ वारंट मांगा गया है। जैसे ही प्राप्त होगा, वैसे ही शबनम को मथुरा जेल भेज दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश में महिला को फांसी की व्यवस्था मथुरा में ही है। जेल में शबनम का व्यवहार सामान्य है। उसे जेल की महिला बैरिक नंबर 14 में रखा गया है।
शबनम ने 14 अप्रैल 2008 की रात अपने प्रेमी सलीम के साथ मिल कर मां ,बाप,भाई ,भाभी भतीजी समेत परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। भतीजे की तो गला दबा कर हत्या कर दी थी। 14 अप्रैल को रात परिवार के लोगों को खाना खिलाने के बाद उसने चाय में बेहोशी की दवा मिलाई। जब सभी लोग बेहोश हो गये तो उसने प्रेमी सलीम को बुलाया और दोनों ने कुल्हाड़ी से पूरे परिवार को काट डाला। पुलिस ने तीन दिन में ही इस सामूहिक हत्याकांड का खुलासा कर दिया था। शबनम के फोन के कॉल डिटेल से हत्याकांड का खुलासा हुआ । बाद में उसने अपना जुर्म कबूल भी कर लिया।