Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 22 Jan, 2020 03:59 PM
सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर 140 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई हैं। बुधवार को इन याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलील देकर...
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर 140 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई हैं। बुधवार को इन याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलील देकर सबको चौंका दिया।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के 19 जिलों के लोगों को डाउटफुल सिटीजन (संदिग्ध नागरिक) के तौर पर मार्क (चिह्नित) किया गया है। ऐसे में यदि शीर्ष अदालत इस प्रक्रिया (CAA को लागू) को नहीं टालती है तो क्या इससे लोगों के मन में असुरक्षा की भावना नहीं आएगी? सिंघवी का कहना है कि अगर यह प्रक्रिया पिछले 70 साल से शुरू नहीं हुई तो क्या इसे कुछ महीनों के लिए रोका नहीं जा सकता।
कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे, जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने इन सभी याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को 4 हफ्ते का वक्त दिया है। कोर्ट स्पष्ट किया कि वह केन्द्र का पक्ष सुने बगैर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर रोक नहीं लगाएगा। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई पांच सदस्यीय संविधान पीठ करेगी।