SC/ST आयोग के अध्यक्ष, प्रमुख सचिव, कमिश्नरों व जिलाधिकारी सहारनपुर को SC की नोटिस जारी

Edited By Anil Kapoor,Updated: 28 Jan, 2019 02:46 PM

sc issues notice to sc st commissioner district magistrate saharanpur

जुलाहा, कबीरपंथी और कोली जाति को कोरी अनुसूचित जाति के जाति प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव समाज कल्याण, अध्यक्ष एससी/एसटी आयोग, मेरठ एवं सहारनपुर के कमिश्नरों सहित जिलाधिकारी सहारनपुर को 4 सप्ताह का रिटर्नेबल...

सहारनपुर: जुलाहा, कबीरपंथी और कोली जाति को कोरी अनुसूचित जाति के जाति प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव समाज कल्याण, अध्यक्ष एससी/एसटी आयोग, मेरठ एवं सहारनपुर के कमिश्नरों सहित जिलाधिकारी सहारनपुर को 4 सप्ताह का रिटर्नेबल नोटिस जारी कर दिया है। यही नहीं सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका में की गई प्रार्थना पर भी विपक्षियों को नोटिस जारी कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय में मांग की गई थी कि जुलाहा, कबीरपंथी और कोली जाति को कोरी अनुसूचित जाति के जाति प्रमाण पत्र बनाने के संबंध में जारी शासनादेश और उनके आधार पर बने जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया जाए और पूरे प्रकरण की सीबीआई से जांच कराई जाए।

बता दें कि इस मामले में प्रमुख सचिव समाज कल्याण और जिलाधिकारी सहारनपुर के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अवमानना का वाद विचाराधीन है। संविधान बचाओ समिति के संयोजक राज कुमार ने जुलाहा, कबीरपंथी और कोली जाति को कोरी अनुसूचित जाति के जाति प्रमाण पत्र बनाने के आदेश 6 नवम्बर 2018 को पहले उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी जिसमें उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए 2 याचिकाएं खारिज कर दी थीं कि इस नोटीफिकेशन में कोई त्रुटि नहीं है। इसके बाद वादी ने बीते माह सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी और अपना पक्ष रखते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 341 में संशोधन करने की शक्ति संसद में निहित है और सिर्फ महामहिम राष्ट्रपति ही नोटीफिकेशन जारी कर सकते हैं।

प्रमुख सचिव द्वारा जारी किया गया आदेश विधि विरुद्ध है और प्रमुख सचिव ने 6 नवम्बर 2018 को जो आदेश किया है, वह 30 जनवरी 2017 के उस नोटीफिकेशन में संशोधन है जिसमें जुलाहा जाति को कोरी जाति के प्रमाण पत्र जारी करने के आदेश दिए गए थे जबकि इस आदेश पर सर्वोच्च न्यायालय में प्रमुख सचिव और जिलाधिकारी के विरुद्ध अवमानना वाद चल रहा है। यही नहीं जुलाहा जाति ओबीसी में उत्तर प्रदेश के संदर्भ में अधिसूचित है। एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष ने भी प्रमुख सचिव के आदेशों की आड़ लेकर सहारनपुर, मेरठ और मुरादाबाद मंडलों के मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए थे कि जुलाहा एवं कबीरपंथी जाति को कोरी जाति के प्रमाण पत्र जारी किए जाएं जिसके आधार पर इन मंडलों के जिलाधिकारियों ने भारी संख्या में जुलाहा, कोली एवं कबीरपंथी जाति के लोगों को कोरी जाति के प्रमाण पत्र जारी किए गए।

सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल 2 जनहित याचिकाओं को कनेक्ट कर स्वीकार करते हुए 25 जनवरी को मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट में इस मामले में प्रमुख सचिव समाज कल्याण अध्यक्ष एससी/एसटी आयोग सहारनपुर और मेरठ के कमिश्नर और जिलाधिकारी सहारनपुर को 4 सप्ताह का रिटर्नेबल नोटिस जारी कर दिया है।

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