Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 14 Aug, 2020 02:05 PM
अपहरण, हत्या और रेप जैसी घटनाओं के हब बनते जा रहे उत्तर प्रदेश के जिला कानपुर के चर्चित संजीत अपहरण हत्याकांड को भला कौन भूल सकता है। घटना को बीते भले ही कई दिन ढ़ल गए
कानपुरः अपहरण, हत्या और रेप जैसी घटनाओं के हब बनते जा रहे उत्तर प्रदेश के जिला कानपुर के चर्चित संजीत अपहरण हत्याकांड को भला कौन भूल सकता है। घटना को बीते भले ही कई दिन ढ़ल गए हों मगर पुलिस शव को आज तक नहीं ढूंढ पाई और न ही अन्य कोई सुराग हाथ लगा है। लिहाजा संजीत का परिवार बेहाल है। वहीं दुखी व आक्रोशित परिजन सीबीआई जांच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास के लिए पैदल ही निकल गए हैं।
CM आवास के लिए पैदल ही निकले परिजन
संजीत अपहरण हत्याकांड का खुलासा हो इसके लिए पीड़ित परिवार बर्रा बाईपास के रास्ते लखनऊ के लिए पैदल ही निकल पडा है। जहां नौबस्ता चौराहे पर उनकी पुलिस से झड़प भी हो गई है। पीड़ित परिवार का साथ देने के लिए दर्जनों लोग उनके साथ निकल पड़े हैं। शामिल लोगों ने संजीत की बहन को नौकरी दो, डेडबॉडी बरामद करो, संजीत के संग न्याय करो आदि मांग की। बता दें कि संजीत के परिवार ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। इस पर जिलाधिकारी ने सीबीआई जांच का आश्वासन दिया था।
ये है पूरा मामला
कानपुर के बर्रा से 22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव (28) का अपहरण फिरौती के लिए उसके दोस्त ने साथियों के साथ मिलकर किया था। 26 जून को उसकी हत्या कर लाश पांडु नदी में फेंक दी थी। इसके बाद पुलिस को चकमा देकर 13 जुलाई को 30 लाख की फिरौती भी वसूल ली थी।
पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया कि कुलदीप संजीत के साथ सैंपल कलेक्शन का काम करता था। उसने रतनलाल नगर में किराये पर कमरा ले रखा था। 22 जून की रात शराब पिलाने के बहाने वह संजीत को अपने कमरे में लाया था। इसके बाद उसे बंधक बना लिया था। चार दिन तक बेहोशी के इंजेक्शन देकर उसे बंधक बनाकर रखा था। इसके बाद 26 जून को कुलदीप ने अपने दोस्त रामबाबू और तीन अन्य के साथ मिलकर संजीत की हत्या कर दी थी। इसके बाद कुलदीप शव को अपनी कार में रखकर पांडु नदी में फेंक आया था।