Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 20 Feb, 2021 04:03 PM
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को प्रयागराज में माघ मेला में विश्व हिंदू परिषद के शिविर में गंगा समग्र की बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक में भागवत के अलावा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी, श्रीराम...
प्रयागराज: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को प्रयागराज में माघ मेला में विश्व हिंदू परिषद के शिविर में गंगा समग्र की बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक में भागवत के अलावा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती भी मौजूद रहे। इस मौके पर भागवत ने संगम तट पर मौजूद विहिप, आरएसएस, गंगा समग्र के अलावा अन्य लोगों को संबोधित करते हुए कहा, गंगा बहुत प्राचीन हैं यह सिर्फ संघ का आयाम नहीं है।
संघ प्रमुख ने यहां कहा, गंगा भारत वर्ष की जीवनदायनी जीवनधारा संस्कृति का प्रवाही आयाम है। गंगा अनेक प्रवाहों को अपने में समाहित कर स्वयं अपरिवर्तित रहते हुए जो भी पास आता है, उसे पवित्र करते हुए चली जाती है। उन्होंने कहा, गंगा हमारे भारत वर्ष की जीवन धारा का दृश्य रुप है। यह हमारी जीवन धारा का प्राण है, जब तक गंगा की अविरल और निर्मल धारा चलेगी तो ही हमारा जीवन भी चलेगा।
मोहन भागवत ने कहा, गंगा की धारा बहती रहेगी, तो दुनिया के सभी पीड़ित लोग इसमें डुबकी लगाकर शांति की प्राप्ति करते रहेंगे। गंगा ही सनातन संस्कृति का जीवन प्रवाह है। उन्होंने कहा, गंगा की धारा हमारे न सिर्फ आध्यात्मिक, बल्कि भौतिक जीवन को भी समुन्नत बनाती रहे, इसके लिए सभी को अपने दायित्व को समझना होगा।
आरएसएस प्रमुख ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए निरंतर काम करना चाहिए। इसके साथ ही भागवत ने संगम तट पर विधि विधान से गंगा पूजन किया। इसके उपरांत प्रमुख ने बंधवा स्थित बड़े हनुमान मंदिर पहुंच पूजन किया।