Edited By Ajay kumar,Updated: 13 Jul, 2019 01:24 PM
बरेली के भाजपा विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी मिश्रा की गुपचुप शादी और पिता से जान का खतरा बताए जाने के बाद चर्चा में आए इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है।
अयोध्या: बरेली के भाजपा विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी मिश्रा की गुपचुप शादी और पिता से जान का खतरा बताए जाने के बाद चर्चा में आए इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। अब तक बेटी के दुश्मन बने विधायक पिता को लेकर आलोचना ही हो रही थी। लेकिन धर्मनगरी अयोध्या में कुछ साधु संत हिंदू संस्कृति का हवाला देकर उनके बचाव में आ गए हैं और खुद साक्षी और उनके पति अजितेश को ही कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।
अयोध्या में तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बरेली के सांसद राजेश मिश्रा का बचाव किया। उन्होंने कहा कि अजितेश साक्षी के भाई का दोस्त था और जिस तरह उसने उनकी ही बहन को प्रेम जाल में फंसाया यह विश्वासघात है। ऐसे में जब विश्वास का क्षरण होगा तो कोई भी किसी को अपने घर नहीं आने देगा। लिहाजा अजितेश ने ना तो अपने घरवालों को बताया और ना ही अपने दोस्त के साथ ही वफादारी निभाई इसलिए अजितेश गलत है।
वहीं जिस माता पिता ने साक्षी को पाल पोस कर इतना बड़ा किया और इस लायक बनाया उसने उसी को कुछ ना बताकर बिना अनुमति लिए इतना बड़ा कदम उठाया और अब उन्हीं को बदनाम कर रही है यह भारतीय संस्कृत के खिलाफ है, लिहाजा इसलिए साक्षी सही नहीं है। इसको लेकर एक नई बहस का जन्म हो सकता है और जिसमें कुछ लोग साक्षी और अजितेश से सहमत हो सकते हैं और कुछ उन पर सवाल भी खड़ा कर सकते हैं और अयोध्या से इसकी शुरुआत हो चुकी है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महंत परमहंस ने भारतीय संस्कृत का हवाला देते हुए देश के युवतियों और युवकों से प्रार्थना की है कि वह अजितेश और साक्षी को अपना रोल मॉडल ना मानें और इस तरह का कोई काम ना करें जो इन दोनों ने किया है। क्योंकि भारतीय संस्कृति में माता पिता सर्वश्रेष्ठ है और उनकी अनुमति लेना आवश्यक है और किसी भी काम को करने से पहले उनके संज्ञान में डालना जरूरी है।