Edited By Umakant yadav,Updated: 15 Feb, 2021 07:44 PM
सादाबाद में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुये चौधरी ने कहा कि किसानों का आंदोलन स्वत: स्फूर्त आंदोलन है। आज 82 दिन बाद भी जब 200 से ज्यादा जवान किसान शहीद हो चूके हैं तब भी मोदी सरकार के कान पर जू नहीं रेंग रही। आंदोलनरत किसानो को समर्थन देने के...
हाथरस: कृषि कानून के विरोध में आंदोलनरत किसानो को समर्थन देने के बहाने अपनी सियासी जड़ों को सींच रहे राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने सोमवार को कहा कि हठधर्मिता का इजहार कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को वोट की चोट देनी पड़ेगी।
सादाबाद में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुये चौधरी ने कहा कि किसानों का आंदोलन स्वत: स्फूर्त आंदोलन है। आज 82 दिन बाद भी जब 200 से ज्यादा जवान किसान शहीद हो चूके हैं तब भी मोदी सरकार के कान पर जू नहीं रेंग रही। चौधरी चरण सिंह की किताब भारत की अर्थनीति: गांधीवादी रूपरेखा का जिक्र करते हुए कहा ‘‘ चौधरी साहब कहा करते थे कि सरकारों में जो लोग बैठे हैं उन्हें ग्रामीण परिवेश के बारे में कुछ नहीं पता इसलिए वे जो फैसले करते हैं ज्यादातर फैसले गांव और किसानों के खिलाफ होते हैं।'' आज की सरकार ने यह बात पूर्णत: साबित कर दी हैं।
उन्होंने कहा कि बिजली के दाम कई गुना बढ़ा दिए गए, गन्ने के दाम में तीन साल से कोई बढ़ोतरी नही हुई, बाक़ी फ़सलो के उचित दाम किसान को मिल नही रहे। क्या ऐसे किसानों की आमदनी दोगुनी होगी। नेता वो अच्छा जो आलोचना सहन करें, न की जनता को गलत ठहराए। आज की किसान पंचायत में चार फैसले लिए गए हैं जिसमें आने वाले चुनाव में भाजपा को वोट की चोट देनी होगी। दूसरा जब तक कानून वापस नहीं होंगे विरोध प्रदर्शन चलते रहेंगे। अगर अनैतिक दबाव द्वारा आंदोलन करने वाले लोगों पर दबाव बनाएगी तो सरकार को अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। चौथा नौजवानों की नौकरी के लिए भी आंदोलन चलाना होगा और जल्द ही हम नौजवानों के लिए भी आंदोलन करेंगे।