इलाहाबाद HC ने किया साफ- ‘दूसरे राज्य में हुए अपराध के लिये है ‘ट्रांजिट अग्रिम जमानत' देने का अधिकार’

Edited By Mamta Yadav,Updated: 09 Jul, 2022 12:47 PM

right to grant transit anticipatory bail  for committed in another state

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि उसके न्यायिक क्षेत्राधिकार से बाहर हुए अपराध के संबंध में आरोपी को ट्रांजिट अग्रिम जमानत देने का अधिकार उसे है। यह व्यवस्था देते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कहा, “ट्रांजिट अग्रिम जमानत देने में इस उच्च न्यायालय...

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि उसके न्यायिक क्षेत्राधिकार से बाहर हुए अपराध के संबंध में आरोपी को ट्रांजिट अग्रिम जमानत देने का अधिकार उसे है। यह व्यवस्था देते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कहा, “ट्रांजिट अग्रिम जमानत देने में इस उच्च न्यायालय के रास्ते कोई बाधा नहीं है, जिससे याचिकाकर्ता उच्च न्यायालयों सहित उन निचली अदालतों का रुख कर सकें, जिनके क्षेत्र में अपराध कथित तौर पर किया गया है और मामला दर्ज है।” अदालत ने यह आदेश अमिता गर्ग और छह अन्य लोगों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को सुनाया। इन लोगों पर राजस्थान के जयपुर नगर (दक्षिण) के मानसरोवर पुलिस थाना में आईपीसी की धारा 504, 506, 384, 467, 468, 120-बी के तहत प्राथमिकी दर्ज है।

याचिकाकर्ताओं को ट्रांजिट अग्रिम जमानत देते हुए अदालत ने स्पष्ट किया कि इस तरह की जमानत एक निश्चित अवधि के लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान करती है। अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी को ट्रांजिट अग्रिम जमानत मिल गई है, इसका यह अर्थ नहीं है कि नियमित अदालत जिसके न्यायिक क्षेत्राधिकार में यह मामला आता है, इस जमानत को विस्तार देगी और इसे अग्रिम जमानत में तब्दील करेगी। उच्च न्यायालय ने कहा कि ट्रांजिट अग्रिम जमानत प्राप्त करने वाले आरोपी को नियमित अदालत के समक्ष अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करना होगा। उच्च न्यायालय ने कहा कि अग्रिम जमानत के आवेदन पर विचार करते समय नियमित अदालत देखेगी कि उसमें कितना दम है।

उल्लेखनीय है कि यह मामला पैसे के लेनदेन से जुड़ा है, जिसमें दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। मौजूदा मामले में अग्रिम जमानत की अर्जी यह कहते हुए दी गई थी कि प्राथमिकी जयपुर में दर्ज है और याचिकाकर्ता आगरा के रहने वाले हैं। आवेदन में कहा गया कि वे जमानत के लिए जयपुर में संबंधित अदालत के समक्ष पेश होने के इच्छुक हैं। हालांकि, उन्हें अल्प अवधि के लिए ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी जा सकती है, ताकि वे सीमित सुरक्षा में जयपुर में सक्षम अदालत के समक्ष पेश हो सकें। अदालत ने आवेदकों के लिये इस आदेश की तिथि से चार सप्ताह की अवधि के लिए ट्रांजिट अग्रिम जमानत मंजूर की, जिससे वे उचित राहत के लिए सक्षम अदालत से संपर्क कर सकें।

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