कोरोना संकट के बीच 18 साल बाद घर लौटे तो अलग ही था नजारा, हरे-भरे परिवार में न मां जिंदा मिली न बीवी

Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 22 Sep, 2020 07:20 PM

returning home after 18 years in the midst of corona crisis not get family

परिवार ही वह संस्था है जहां पर इंसान हर कठीन परिस्थिति को सरलता के साथ हल कर सकता है। वहीं 18 साल पहले घर से भागे महंगी प्रसाद जब कोरोना संकट...

देवरियाः परिवार ही वह संस्था है जहां पर इंसान हर कठीन परिस्थिति को सरलता के साथ हल कर सकता है। वहीं 18 साल पहले घर से भागे महंगी प्रसाद जब कोरोना संकट में मुंबई से उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित घर की ओर मुड़े तो उनकी किस्मत में बस रोना ही बचा था। वहां का नजारा ही बदला हुआ था। वहां न तो मां मिली और न ही पत्नी। दोनों की मौत हो चुकी थी।

बता दें कि कि थाना तरकुलवा क्षेत्र के कैथवलिया गांव के रहने वाले महंगी प्रसाद 18 साल पहले किसी बात पर पत्नी से नाराज होकर घर पर मां, पत्नी और 3 छोटी बेटियों को छोड़ मुंबई चले गए थे। उस वक्त उनकी उम्र 40 साल थी।

वहीं मुंबई पहुंचे महंगी प्रसाद ने रोजी रोजगार के लिए छोटे-बड़े कई काम किए। वे एक छोटी फैक्ट्री में वॉचमैन का काम कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कभी घर व गांव की तरफ मुड़ कर नहीं देखा। घर के लोगों ने महंगी की बहुत तलाश की और अंत में उन्हें मरा हुआ मानकर संतोष कर लिया।

कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में जब काम धंधा ठप हो गया तब कुछ दिन भूखे रहने के बाद महंगी प्रसाद एक ट्रक को 3500 रुपये भाड़ा देकर वह गोरखपुर पहुंचे और फिर पैदल ही घर पहुंचे। वहीं पिता को मरा समझ भूल गई बेटी और दामाद ने जब पिता व ससुर को जिंदा देखा तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अब महंगी प्रसाद गांव में ही अपनी बेटियों के साथ बची हुई जिंदगी बिताएंगे।

 

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