सिपाही भर्ती में अभ्यर्थी को OBC कोटा नहीं देने के मामले में हाईकोर्ट ने विशेष सचिव से मांगा जवाब

Edited By Ajay kumar,Updated: 11 Feb, 2020 01:52 PM

response sought from not giving obc quota to candidates in constable recruitment

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोर्ट आदेश के विपरीत आदेश पारित करने पर विशेष सचिव गृह से जवाब तलब किया है।

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोर्ट आदेश के विपरीत आदेश पारित करने पर विशेष सचिव गृह से जवाब तलब किया है।  कोर्ट ने उनको स्पष्ट करने के लिए कहा है कि किन परिस्थितियों में उन्होंने अदालत के निर्णय के विपरीत जाकर के आदेश पारित किया है। क्यों न उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए? सिपाही भर्ती 2015 के अभ्यर्थी धर्म पाल सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने दिया है।

याची के अधिवक्ता का कहना था कि याची 2015 की सिपाही भर्ती में ओबीसी कोटे से आवेदन किया था।  उसने अपने ऑनलाइन फॉर्म में 16 अगस्त 2015 को जारी ओबीसी सर्टिफिकेट लगाया था।  परीक्षा के उपरांत दस्तावेजों के सत्यापन के समय याची ने 18 अप्रैल 2016 को जारी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया।  इसी आधार पर याची को सामान्य वर्ग का मान लिया गया था। इसी कारण वह चयन से वंचित हो गया , जबकि ओबीसी कोटे की कट ऑफ माक्र्स 396 थी और याची को 397.3 प्राप्त हुए थे।

अधिवक्ता का कहना है कि यदि याची को ओबीसी कैटेगरी में माना जाता तो उसका चयन हो सकता था। भर्ती बोर्ड के विरुद्ध उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।  कोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड को याची के जाति प्रमाण पत्र पर विचार करते हुए निर्णय लेने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद विशेष सचिव ने याचिका प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया था। कोर्ट ने न्यायालय के विपरीत दिए गए आदेश पर 10 दिन में जवाब दाखिल करने को कहा है।

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