Edited By Deepika Rajput,Updated: 08 Dec, 2019 03:46 PM
पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाने से किसान संगठनों ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि सैटेलाइट के जरिए काश्तकारों की पराली दहन पर नजर रखने वाली सरकार इसी तरह की मुस्तैदी फसल बीमा योजना का लाभ देने में क्यों नहीं दिखाती।
लखनऊः पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाने से किसान संगठनों ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि सैटेलाइट के जरिए काश्तकारों की पराली दहन पर नजर रखने वाली सरकार इसी तरह की मुस्तैदी फसल बीमा योजना का लाभ देने में क्यों नहीं दिखाती। भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता गौरव टिकैत ने कहा कि सरकार वायु प्रदूषण का सारा ठीकरा किसानों पर फोड़ते हुए पराली जलाने पर उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज कर रही है, जुर्माना वसूल कर रही है। यह देश के अन्नदाता किसानों पर जुल्म है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस उत्पीड़न के लिए सैटेलाइट तकनीक का सहारा ले रही है। कौन किसान पराली जला रहा है, इसका पता सैटेलाइट से लगाया जा रहा है। मगर, जब किसी प्राकृतिक आपदा से फसलों को नुकसान होता है तो उसका अंदाजा लगाने के लिए सैटेलाइट का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा है। टिकैत ने पराली जलाने के आरोप में लाखों किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि किसान यूनियन आगामी 21 दिसंबर को इस उत्पीड़न के खिलाफ पूरे देश में ‘किसान हल क्रांति' आंदोलन करेगी। इसके तहत पूरे देश में जिला मुख्यालयों पर किसान अपने हल और अन्य कृषि उपकरण लेकर प्रदर्शन करेंगे।
मालूम हो कि, प्रदेश सरकार ने पराली जलाए जाने पर ढाई हजार से लेकर 15 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाए जाने का और दोबारा ऐसा करने पर प्राथमिकी दर्ज कराए जाने का प्रावधान किया है। इसके अनुपालन में अब तक प्रदेश में बड़ी संख्या में किसानों से जुर्माना वसूला गया है और मुकदमे दर्ज किए गए हैं।