Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 21 Aug, 2019 12:48 PM
अपने बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाले केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले एक बार फिर अपने बयान के चलते चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में न तो राम मंदिर था और न हीं मस्जिद। वहां बौद्ध मंदिर था। यदि उस जगह की खुदाई की जाए तो बौद्ध...
लखनऊः अपने बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाले केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले एक बार फिर अपने बयान के चलते चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में न तो राम मंदिर था और न हीं मस्जिद। वहां बौद्ध मंदिर था। यदि उस जगह की खुदाई की जाए तो बौद्ध मंदिर के अवशेष मिल जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एससी-एसटी एक्ट को लेकर सवर्णों को गलतफहमी हुई है। आज भी वही एक्ट है जो पहले से लागू था।
राजस्थान के जयपुर में शनिवार (15 सितंबर) को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि, “हिंदुओं ने बुद्ध मंदिर को तोड़ दिया और राम मंदिर बनाया। मुसलमानों ने राम मंदिर तोड़ दिया और वहां मस्जिद बना दी। अब मस्जिद को तोड़ दिया गया है। मेरा सुझाव है कि वहां की 66 एकड़ जमीन को हिंदुओं और मुसलमों के बीच बांट दिया जाए। 40 से 45 एकड़ हिंदुओं को मंदिर निर्माण के लिए और 20 से 25 एकड़ मुसलमानों को मस्जिद निर्माण के लिए दे दिया जाए। हिंदू अपना मंदिर बनाएं और मुसलमान अपना मस्जिद बनाएं।”
उन्होंने आगे कहा कि, “इलाहाबाद हाईकोर्ट का जजमेंट ऐसा है कि वहां की जमीन को कई पक्षों को बांटने के लिए कहा गया है। मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है। अभी इस पर किसी तरह का फैसला नहीं आया है। लेकिन मुझे लगता है कि जो कुछ भी हो, वह आम सहमति से हो। देखा जाए तो वह जगह ऑरिजनली बौद्ध मंदिर की है। वहां जमीन के नीचे खुदाई करने पर बुद्ध की मूर्तियां और बुद्ध मंदिर के अवशेष मिलेंगे। लेकिन हम इन दोनों के झगड़े में नहीं आना चाहते हैं। कोर्ट यह फैसला दे सकता है कि आपलोग बैठकर आम सहमति से विचार करो।”