रामसनेही घाट में होगी 'रामायण संग्रहालय' की स्थापना, प्रभु श्रीराम के पूरे जीवनकाल के होंगे दिव्य दर्शन

Edited By Umakant yadav,Updated: 05 Apr, 2021 01:20 PM

ramayana museum  will be established in ramsanehi ghat

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रभु श्रीराम के पूरे जीवनकाल का एक ही स्थान पर भव्य और दिव्य दर्शन कराएंगे। इसके लिए अयोध्या और लखनऊ के बीच रामसनेही घाट में 10 एकड़ भूमि में अंतरराष्ट्रीय स्तर के ‘रामायण संग्रहालय और सांस्कृतिक केन्द्र''...

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रभु श्रीराम के पूरे जीवनकाल का एक ही स्थान पर भव्य और दिव्य दर्शन कराएंगे। इसके लिए अयोध्या और लखनऊ के बीच रामसनेही घाट में 10 एकड़ भूमि में अंतरराष्ट्रीय स्तर के ‘रामायण संग्रहालय और सांस्कृतिक केन्द्र' की स्थापना की जाएगी।  परिसर में भारत, रूस, जापान, इण्डोनेशिया, मलेशिया थाईलैण्ड आदि देशों की कठपुतली के माध्यम से रामायण की प्रस्तुति होगी। साथ ही मधुबनी, अवध, छत्तीसगढ़, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, श्रीलंका आदि के व्यंजनों वाली रसोई का संचालन होगा। ठहरने के लिए कमरे और पूजा पाठ के लिए प्रभु श्रीराम मंदिर का निर्माण किया जाएगा।       

योगी की ‘रामायण संग्रहालय और सांस्कृतिक केन्द्र' की परिकल्पना साकार रूप लेने जा रही है। इसके लिए लखनऊ-अयोध्या राजमार्ग पर बीच में लखनऊ से 54 किमी और अयोध्या से 64 किमी पर करीब 10 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है, जिस पर रामायण संग्रहालय और सांस्कृतिक केन्द्र का निर्माण प्रस्तावित है। परिसर में रामायण-कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, लोक व्यंजन, रामायण विश्व यात्रा वीथिका, ‘राम वन गमन मार्ग', रामायण आधारित कला वीथिका, रामायण आधारित पुस्तकालय, शोध और प्रकाशन केन्द्र, कठपुतली के माध्यम से रामायण की प्रस्तुति, रामलीलाओं की प्रस्तुतियां, रामलीला प्रशिक्षण केन्द्र के साथ-साथ सोवेनियर शाप्स के रूप में भी रामायण की हस्तकला का विशेष केन्द्र स्थापित होगा।       

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि परिसर में प्रदेश, देश-विदेश के श्रद्धालु और पर्यटकों के ठहरने की भी व्यवस्था होगी। इसके लिए कुछ बड़े कमरे, समूह यात्रियों के लिए कमरे, कुछ डारमेट्री और कुछ एकल कक्ष बनाए जाएंगे। प्रशासनिक नियंत्रण के लिए चार बड़े कमरे बनेंगे। यात्रियों को अल्प विश्राम के दौरान सुबह और शाम सामूहिक भजन की सुविधा होगी। करीब 100 साल की आवश्यकता के अनुसार 50 वर्ष के लिए मल्टीलेवल पाकिर्ंग की व्यवस्था होगी। लगभग 20-20 महिला और पुरुष शौचालय बनेंगे।       

संस्कृति विभाग के निदेशक शिशिर ने बताया कि ‘रामायण संग्रहालय एवं सांस्कृतिक केन्द्र' की स्थापना के लिए बाराबंकी के ग्राम-भवनियापुर खेवली में भूमि मिल गई है। डीपीआर आईआईटी खड्गपुर तैयार कर रह रहा है। इसके बाद ही परियोजना की लागत का पता चलेगा। हालांकि उम्मीद है कि करीब डेढ़ सौ करोड की परियोजना हो सकती है, जो चरणों में पूरी होगी। मंच बनवाकर पहले रामलीला का मंचन और कुछ लोक व्यंजन की शुरूआत करेंगे। इसका संचालन अयोध्या शोध संस्थान करेगा।

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