लाठी-गोली खाकर 21 को करेंगे राम मंदिर का शिलान्यास: शंकराचार्य स्वरूपानंद

Edited By Anil Kapoor,Updated: 12 Feb, 2019 07:36 AM

ram temple will be laid on 21 sticks and pillow making shankaracharya

द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वह खुद पहल करने जा रहे हैं। 17 फरवरी को प्रयाग से अयोध्या कूच करेंगे। 20 फरवरी को विराट सभा होगी और ....

 

अयोध्या: द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वह खुद पहल करने जा रहे हैं। 17 फरवरी को प्रयाग से अयोध्या कूच करेंगे। 20 फरवरी को विराट सभा होगी और 21 फरवरी को राम मंदिर का शिलान्यास किया जाएगा। इस दौरान यदि हमें रोकने का प्रयास हुआ तो लाठी-गोली खाने के लिए भी तैयार हैं।

स्वामी स्वरूपानंद ने एक सवाल के जवाब में कहा कि चुनाव तो लगातार होते ही रहते हैं। इससे पहले विधानसभा के चुनाव हुए, अब लोकसभा का होगा। हमें किसी के जीतने या हारने की चिंता नहीं है। हम तो यह चाहते हैं कि जहां राम जन्मभूमि है, वहां मंदिर बने और मंदिर बनने से किसी भी राजनीतिक दल को कोई नुकसान नहीं होगा। पूर्व में किए गए शिलान्यास के बारे में उन्होंने कहा कि वह शिलान्यास ऐसे स्थान पर हुआ जहां नहीं होना चाहिए था। वह शिलान्यास गर्भगृह में नहीं था और उसका मुहूर्त भी गलत था। साथ ही वह गर्भगृह से 192 फुट दूर बिना विधि विधान से किया गया था।

स्वामी स्वरूपानंद ने कहा हम अयोध्या जाएंगे और गर्भगृह में 4 शिलाएं रखेंगे। हम लोग सविनय अवज्ञा करेंगे। अखाड़े के महात्मा और दूसरे महात्मा हमसे मिलते रहते हैं। सबकी सहानुभूति हमारे साथ है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि हाल ही में मिले थे और कहा था कि वह हमारे साथ हैं। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में सबसे पहले यह लिखा गया है कि भारत की सर्वोच्च संस्था जनता में निहित है। मैं जनता की प्रेरणा से उनकी भावनाओं को मूर्त रूप देने के लिए उनको ही अपना सर्वोच्च मानते हुए अयोध्या जा रहा हूं।

उन्होंने कहा कोई भी दल हो चाहे वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हो या कांग्रेस हो, सपा हो, कोई भी दल मंदिर तो क्या, मस्जिद, गुरूद्वारा या चर्च भी नहीं बना सकती। किसी भी पार्टी को सत्तारूढ़ होने के लिए संविधान की शपथ लेनी होगी और भारत का संविधान धर्म निरपेक्ष है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 3 दिन तक चली शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा बुलाई गई 3 दिवसीय धर्म संसद जो 30 जनवरी को खत्म हुई थी उसमें नन्दा, जया, भद्रा, पूर्णा नाम की चार शिलाएं सौंपी गई थीं और जानकारी आई थी कि यही शिलाएं लेकर अयोध्या पहुंचने के लिए हिंदुओं से आह्वान किया गया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!