Edited By Ruby,Updated: 03 Nov, 2018 02:04 PM
जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव करीब आ रहे हैं वैसे-वैसे राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर तूल पकड़ने लगा है। जिसके चलते अखिल भारतीय संत समिति भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बना रही है। इसी के तहत शनिवार को देश भर से 3 हजार साधु-संत दिल्ली के ताल कटोरा...
अयोध्याः जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव करीब आ रहे हैं वैसे-वैसे राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर तूल पकड़ने लगा है। जिसके चलते अखिल भारतीय संत समिति भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बना रही है। इसी के तहत शनिवार को देश भर से 3 हजार साधु-संत दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में जमा हुए है। यहां अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर मंथन कर रणनीति बनाई जाएगी।
इस दौरान वेदांती ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि 'दिसंबर में राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा वो भी अध्यादेश के बिना और आपसी समझौते के आधार पर। अयोध्या में ही राम मंदिर का निर्माण होगा। इसके साथ ही दावा किया कि लखनऊ में एक मस्जिद का निर्माण किया जाएगा। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए वेदांती ने कहा कि '70 वर्षों से कांग्रेस ने राम जन्म भूमि के मुद्दे को लटकाया है। मैं देश के संतों को बताना चाहता हूं कि मंदिर अध्यादेश से नहीं बनेगा बल्कि आपसी सहमति से बनेगा। ये जरूरी नहीं है कि हम कोर्ट के आदेश के बाद ही मंदिर बनाएं।
बता दें कि प्रयागराज में होने वाले कुंभ से पहले दिल्ली में साधु-संतों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। यह बैठक दो दिन तक चलेगी, जिसमें देशभर के 125 संप्रदायों के संतों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि इस महासम्मेलन के दौरान राम मंदिर के मुद्दे पर किसी बड़े आंदोलन का ऐलान किया जा सकता है। संत समिति की यह बैठक आरएसएस के उस बयान के एक दिन बाद हो रही है, जिसमें कहा गया था कि जरूरत पड़ने पर 1992 जैसा आंदोलन किया जा सकता है।