राज्यसभा चुनाव हुआ रोचकः 10 सीटों पर उतरे 13 उम्मीदवार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 07:29 PM

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की रिक्त 10 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के 11 उम्मीदवारों के नामांकन से चुनाव काफी रोचक हो गया।  नामांकन के अंतिम क्षणों में भाजपा के तीन उम्मीदवार विद्यासागर सोनकर, सलिल विश्नोई और अनिल अग्रवाल के पर्चा दाखिल कर देने की वजह...

लखनऊः उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की रिक्त 10 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के 11 उम्मीदवारों के नामांकन से चुनाव काफी रोचक हो गया।  नामांकन के अंतिम क्षणों में भाजपा के तीन उम्मीदवार विद्यासागर सोनकर, सलिल विश्नोई और अनिल अग्रवाल के पर्चा दाखिल कर देने की वजह से चुनाव काफी रोचक होने के साथ ही मतदान के आसार बढ़ गए।हालांकि, भाजपा सूत्रों का कहना है कि 11 में से उसके 2 उम्मीदवारों का नाम वापस लिया जा सकता है। भाजपा के तीन उम्मीदवारों के अचानक नामांकन कर देने से बसपा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर की मुश्किलें फिलहाल बढ़ती नजर आ रही हैं। बीजेपी के 11 उम्मीदवार खड़े होने से सपा और बसपा के 1-1 उम्मीदवार से 10 सीटों पर 13 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है। यानि कि सीटें 10 और उम्मीदवार कुल 13 हैं। 

सूबे से राज्यसभा में 10 उम्मीदवारों को जाना है लेकिन भाजपा के विद्यासागर सोनकर, सलिल विश्नोई और अनिल अग्रवाल के पर्चा दाखिल कर देने से चुनाव काफी रोचक हो गया है। सोनकर जौनपुर के रहने वाले हैं जबकि विश्नोई कानपुर के निवासी हैं। अग्रवाल गाजियाबाद के हैं। सोनकर लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। विश्नोई विधायक थे। इससे पहले, नामाकंन के अंतिम दिन केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली समेत भारतीय जनता पार्टी के आठ उम्मीदवारों ने पर्चे भरे। विधानभवन के सेंट्रल हाल में जेटली के अलावा अशोक वाजपेयी,सकलदीप राजभर,कांता कर्दम, विजय पाल सिंह तोमर,डा अनिल जैन,जीवीएल नरसिंहाराव और हरनाथ सिंह यादव ने नामाकंन दाखिल किया। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य,दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष डा़ महेन्द्र पाण्डेय समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। जेटली ने 11 बजकर 40 मिनट पर जबकि अन्य सात उम्मीदवारों ने करीब डेढ बजे नामांकन पत्र दाखिल किए थे।

विधानसभा के प्रमुख सचिव और चुनाव अधिकारी प्रदीप दुबे ने बताया कि भाजपा के 11 उम्मीदवारों के साथ ही सपा पार्टी से जया बच्चन और बसपा से भीमराव अंबेडकर पहले ही नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं।  उधर,नरेश अग्रवाल के भाजपा में शामिल होने से राज्यसभा चुनाव में सत्तारुढ़ पार्टी को फायदा मिल सकता है क्योंकि अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल भी विधायक हैं। नितिन के साथ ही कुछ और विधायक नरेश अग्रवाल के संपर्क में बताए जाते हैं।

बता दें कि नामांकन पत्रों की जांच कल होगी। पन्द्रह मार्च तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। पर्चे सही पाए जाने या किसी के नाम वापस नहीं लेने पर 23 मार्च को मतदान तय है। भाजपा गठबंधन के पास 325 मतदाता है। केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली समेत भाजपा के आठ उम्मीदवारों की जीत तय है। एक उम्मीदवार की जीत के लिए 37 मतदाताओं की जरुरत है।  इस तरह भाजपा के आठ उम्मदवारों की जीत के बाद भी उसके गठबंधन के पास 29 मतदाता शेष बचेंगे। माना जा रहा है कि अग्रवाल को निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में इन्ही शेष बचे मतदाताओं के भरोसे चुनाव में उतारा गया है। इस चुनाव में विधानसभा के सदस्य मतदाता होते हैं। मतपत्रों को दिखाकर वोट डालना होता है। मतपत्रों को दिखाकर वोट डालने का नियम बसपा उम्मीदवार को फायदा पहुंचा सकता है।

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