Edited By Ajay kumar,Updated: 06 Mar, 2020 10:30 AM
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने कहा कि वकालत का पेशा वास्तव में एक साधना है जिसमें कठिन परिश्रम से पीड़तिों को जल्द न्याय दिलाया जा सकता है।
लखनऊ: उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने कहा कि वकालत का पेशा वास्तव में एक साधना है जिसमें कठिन परिश्रम से पीड़तिों को जल्द न्याय दिलाया जा सकता है। अवध बार एसोसिएशन में जूनियर वकीलो के प्रोत्साहन कार्यक्रम में न्यायमूर्ति गोविंद माथुर ने कहा कि परिश्रम से किये गए काम की चमक अलग ही दिखाई देती है। वकालत स्वयं में एक तपस्या है । इस पेशे में जीवन भर मेहनत से सीखना पड़ता है । उन्होने वकीलो को भरपूर मेहनत से काम करने तथा मजबूती से मुकदमे तैयार कर लोगो को शीघ्र न्याय दिलाने की बाते कही ।
इस मौके पर न्यायमूर्ति मुनीस्वर नाथ भंडारी एवं न्यायमूर्ति अनिल कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि जूनियर वकील अपने वरिष्ठ वकीलो से मुकदमे की तैयारी के साथ साथ बहस करने व अदालत में अपने मुकदमे के तथ्यों को सही तरीके से प्रस्तुत करने की भी कला सीखे। प्रोत्साहन कार्यक्रम में न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय , न्यायमूर्ति राजन राय सहित अन्य न्यायमूर्तिगण भी उपस्थित हुए। कार्यक्रम में अपर महाधिवक्ता रहे राकेश चौधरी ने 320 जूनियर वकीलो को कानून के पुस्तके भेट की।