Edited By Ruby,Updated: 15 Feb, 2019 02:02 PM
आगराः जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद होने वाले जवानों में आगरा का लाल भी शामिल है। आगरा के थाना ताजगंज के कहरई गांव में कौशल किशोर रावत की शहादत की खबर मिलने पर पूरा गांव उनके घर पर एकत्रित हो गया। वहीं परिजनों का रो- रोकर बुरा...
आगराः जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद होने वाले जवानों में आगरा का लाल भी शामिल है। आगरा के थाना ताजगंज के कहरई गांव में कौशल किशोर रावत की शहादत की खबर मिलने पर पूरा गांव उनके घर पर एकत्रित हो गया। वहीं परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल है।
वह सीआरपीएफ में नायक (एएसआई) के पद पर तैनात थे। वह 115 बटालियन में सिलिगुड़ी में नियुक्त थे। कुछ दिन पहले ही कश्मीर में 76 बटालियन में तैनाती हुई थी। इसमें ज्वाइन करने के लिए ही पहुंचे थे कि आतंकी हमला हो गया। किसान गीताराम राकेश के बहादुर बेटे कौशल किशोर की नई बटालियन में ज्वाइनिंग गुरुवार को ही होनी थी। वह इसी के लिए जा रहे थे। इससे पहले सड़क पर बर्फ जमी होने के कारण काफिला जा नहीं पा रहा था।
ज्वाइनिंग के दिन ही उनकी शहादत हो गई। वह उसी गाड़ी में सवार थे जिसे आतंकियों ने धमाके से उड़ा दिया। इसी हमले में कौशल किशोर शहीद हो गए। उनके भाई कमल किशोर रावत ने बताया कि परिवार के कई लोग सीआरपीएफ में हैं। उनसे ही जानकारी मिली। शहादत का पता चलते ही कहरई में गम और गुस्सा पसर गया।
कौशल किशोर 1990 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। 1992 में उनकी शादी हुई। वह ज्यादातर समय श्रीनगर में तैनात रहे। कश्मीर में कई बार आतंकियों का मुकाबला किया। मुठभेड़ में अपनी टीम के साथ आतंकियों को ढेर किया था। गांव में उनकी बहादुरी के किस्से हर जुबान पर हैं। पाकिस्तान की इस कायराना हरकत से ग्रामीणो में काफी रोष है। वो चाहते हैं कि भारत उसकी इस हरकत का माकूल जवाब दे। एक शहीद की जगह पाकिस्तान के 10 आतंकियों को मौत के घाट उतारे।