Edited By PTI News Agency,Updated: 22 Oct, 2021 09:42 AM
मुजफ्फरनगर, 21 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ अवैध तरीके अपनाने और भ्रष्टाचार करने के मामले में यहां एक विशेष अदालत ने भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक पर आरोप तय किए।
मुजफ्फरनगर, 21 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ अवैध तरीके अपनाने और भ्रष्टाचार करने के मामले में यहां एक विशेष अदालत ने भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक पर आरोप तय किए।
विधायकों के विरुद्ध मामलों की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश गोपाल उपाध्याय ने बुढ़ाना के विधायक उमेश मलिक पर एक और मामले में आरोप तय किए। इस मामले में मलिक पर 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान, भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत सरकारी आदेशों के उल्लंघन का आरोप है।
चुनावी प्रक्रिया में धांधली के पहले मामले में अदालत ने जनप्रतिनिधि कानून 1951 की धारा 123 और भारतीय दंड संहिता की धारा 171 के तहत विधायक पर मतदाताओं को लुभाने का आरोप तय किया। इस मामले में मलिक पर भाजपा के विरोधी उम्मीदवार की जनसभा में विघ्न डालने का आरोप लगाया गया।
अभियोजन पक्ष के वकील के अनुसार, मलिक के विरुद्ध शाहपुर पुलिस थाने में जनप्रतिनिधि कानून की धारा 123 और 127 तथा भादसं की धारा 171 के तहत 2012 में मामला दर्ज किया गया था जब वह केवल भाजपा के एक कार्यकर्ता थे और चुनाव नहीं लड़ रहे थे।
मलिक पर, सरकारी आदेश के उल्लंघन का दूसरा मामला सिविल लाइन्स पुलिस थाने में 2017 में दर्ज हुआ था जब वह विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे। आरोप तय करने के बाद अदालत ने दोनों मामलों में अभियोजन के साक्ष्यों को दर्ज करने के लिए नौ नवंबर की तारीख तय की।
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