Edited By PTI News Agency,Updated: 23 Sep, 2021 10:41 AM
लखनऊ, 22 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने ''गैर कानूनी धर्मांतरण का सबसे बड़ा गिरोह'' संचालित करने के आरोप में मेरठ से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
लखनऊ, 22 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने 'गैर कानूनी धर्मांतरण का सबसे बड़ा गिरोह' संचालित करने के आरोप में मेरठ से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
इस गिरफ्तारी पर समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद शफीकुर रहमान बरक ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार "मुसलमानों को निशाना बना रही है।’’
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बुधवार को बताया, ‘‘एटीएस ने मेरठ से मौलाना कलीम सिद्दीकी को मंगलवार की रात गैर कानूनी धर्मांतरण का सबसे बड़ा गिरोह संचालित करने के आरोप में गिरफ्तार किया। उसे एटीएस मुख्यालय लाकर अदालत में पेश किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के वित्तपोषण से संचालित इस्लामिक दावा सेंटर में मूक-बधिर छात्रों का अवैध रूप से धर्मांतरण कराए जाने के मामले में दिल्ली के जामिया नगर निवासी मुफ्ती काजीजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम की पिछली 20 जून को हुई गिरफ्तारी के बाद एटीएस इस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
कुमार ने दावा किया कि जांच में पता चला है कि उमर गौतम और उसके साथी को ब्रिटेन की एक संस्था अल-फला ट्रस्ट से 57 करोड़ रुपए मिले थे, लेकिन वे इस राशि की खर्च का विवरण नहीं दे सके। यह भी पता चला कि कलीम सिद्दीकी अवैध धर्मांतरण गिरोह में शामिल है और विभिन्न शैक्षणिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों की आड़ में पूरे देश में अवैध धर्मांतरण का काम कर रहा है।
अपर पुलिस महानिदेशक ने यह भी दावा किया कि बहुत बड़े पैमाने पर विदेश से वित्तपोषण हो रहा है और अवैध धर्मांतरण का काम बहुत ही योजनाबद्ध और संगठित रूप से किया जा रहा है। इस काम में अनेक जानी-मानी संस्थाएं भी शामिल हैं।
कुमार ने कहा, ‘‘यह बात भी सामने आयी है कि कलीम सिद्दीकी अवैध धर्मांतरण का सबसे बड़ा गिरोह संचालित करता है। वह लोगों को धमकाकर और भ्रमित करके उनका धर्मांतरण कराता है। वह जामिया इमाम वली उल्लाह ट्रस्ट का भी संचालक है जो सांप्रदायिक सौहार्द के कार्यक्रमों के नाम पर अवैध धर्मांतरण के काम में लिप्त है। कलीम इसके लिए मदरसों को भी वित्तीय मदद करता है। इसके लिए उसे विदेश से बड़े पैमाने पर रकम मिलती है।’’
उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के लिए सिद्दीकी ने खुद प्रचार सामग्री तैयार की है जो ऑनलाइन और प्रिंट में मुफ्त में उपलब्ध है। वह लोगों को विश्वास दिलाने की कोशिश करता था कि सिर्फ शरीयत कानून से ही सभी को न्याय मिल सकता है। वह अक्सर कहता है कि तीन तलाक के मुद्दे का समाधान शरीयत के हिसाब से तलाशा जाना चाहिए।
कुमार का दावा है कि जो संगठन उमर गौतम की संस्था का वित्तपोषण करते हैं, वे कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट को भी धन देते हैं। अब तक की जांच में यह पता चला है कि ट्रस्ट को बहरीन से अवैध रूप से डेढ़ करोड़ रुपए दिए गए हैं और कुल तीन करोड़ रुपए के वित्तपोषण के सुबूत मिल चुके हैं। एटीएस की छह टीमें इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक ने बताया कि कलीम सिद्दीकी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। मेरठ से बीएससी करने के बाद उसने प्री मेडिकल टेस्ट भी पास किया था लेकिन एमबीबीएस करने के बजाय उसने लखनऊ के नदवतुल उलमा में दाखिला लिया था।
अवैध धर्मांतरण के आरोपों में उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा की गई गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी गिरफ्तार लोगों से संबंधित संगठनों को मिली विदेशी मदद की जांच शुरू कर दी है।
वहीं, संभल से मिली सूचना के अनुसार इस गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा सांसद बरक ने कहा, "यह गलत है, मुसलमानों को निशाना बनाने और परेशान करने के अलावा भाजपा सरकार के पास और कोई काम नहीं है।"
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