Edited By PTI News Agency,Updated: 04 Aug, 2021 06:14 PM
लखनऊ, चार अगस्त (भाषा) बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने आरोप लगाया कि पार्टी के प्रबुध्द सम्मेलनों को भारतीय जनता पार्टी ने अपने लिये खतरे की घंटी मान लिया हैं और इन कार्यक्रमों के खिलाफ खुलकर सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करना शुरू कर दिया...
लखनऊ, चार अगस्त (भाषा) बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने आरोप लगाया कि पार्टी के प्रबुध्द सम्मेलनों को भारतीय जनता पार्टी ने अपने लिये खतरे की घंटी मान लिया हैं और इन कार्यक्रमों के खिलाफ खुलकर सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करना शुरू कर दिया है ।
मायावती ने बुधवार को कहा, ''बसपा के प्रबुध्द वर्गो के सम्मेलन सरकारी अनुमति के बाद तथा कोरोना के सरकारी नियमों का पूरी तरह से पालन करके ही आयोजित किये जा रहे हैं । अब प्रदेश की भाजपा सरकार ने 'खिसियानी बिल्ली खंभा नोंचे'' कहावत की तरह ही इन कार्यक्रमों पर नयी शर्ते और पाबंदी आदि लगाकर इसे रोकना शुरू कर दिया हैं । कुछ जगह ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि प्रशासन लिखकर तो नही दे रहा हैं लेकिन मौखिक रूप से कह रहा हैं कि आपके कार्यक्रम में इतनी संख्या से ज्यादा लोग नहीं आयेंगे । बसपा इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है ।''
उन्होंने सवाल किया कि ऐसी शर्ते केवल बसपा के ही विरूध्द क्यों । मायावती ने कहा कि ऐसे मामले केवल जातिगत द्वेष और राजनीतिक स्वार्थ के कारण ही सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करते हुये मंगलवार को कासगंज के कार्यक्रम के बाद बसपा के जिला पदाधिकारियों व ब्राहम्ण समाज के सम्मानित लोगो के खिलाफ मामले दर्ज किये गये हैं । उन्होंने कहा कि ऐसा वहां के लोगो का मानना और कहना हैं । उन्होंने दावा किया कि ऐसा करने से लोगो में भाजपा के विरूध्द और ज्यादा गुस्सा तथा बसपा के लिये और ज्यादा जोश पैदा हो गया है ।
बसपा नेता ने कहा कि भाजपा के नेताओं के कार्यक्रमों के लिये केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि कहीं भी कोरोना नियमों की कोई पाबंदी नहीं हैं और इस पार्टी के नेताओं को कोरोना नियमों के उल्लंघन करने और उनकी धज्जियां उड़ाने की भी पूरी छूट हैं लेकिन विपक्ष की पार्टियों के लिये इनके नियम दूसरे हैं जो यहां बसपा के प्रबुध्द सम्मेलनों में देखने को मिल रहे हैं ।
गौरतलब हैं कि 23 जुलाई से बहुजन समाज पार्टी के प्रबुध्द सम्मेलन प्रदेश के विभिन्न जनपदों में हो रहे हैं और इसकी शुरूआत पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्र के नेतृत्व में श्री राम जन्म भूमि अयोध्या से हुई थी।
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