नये कृषि कानून वापस लेने की मांग करते हुए उत्तर प्रदेश में किसानों ने किया प्रदर्शन, ज्ञापन सौंपा

Edited By PTI News Agency,Updated: 06 Feb, 2021 08:19 PM

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लखनऊ, छह फरवरी (भाषा) केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ उत्‍तर प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में शनिवार को किसानों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने इन कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को...

लखनऊ, छह फरवरी (भाषा) केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ उत्‍तर प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में शनिवार को किसानों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने इन कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपा।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्‍ता आलोक वर्मा ने कहा, ‘‘ हमने चक्‍का जाम में भाग नहीं लिया, लेकिन राज्‍य के विभिन्‍न जिलों के जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा।’’ वहीं, बुंदेलखंड से मिली खबर के अनुसार प्रदेश के इस अंचल के सभी सात जिलों में 'शांति पूर्ण' प्रदर्शन कर किसानों केंद्र के नये कृषि क़ानूनों का विरोध किया। उन्होंने जिलाधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप कर इन कानूनों को वापस लेने की मांग की।
बांदा के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) महेंद्र प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि बुंदेलखंड किसान यूनियन से जुड़े कुछ किसानों ने अतर्रा कस्बे में कृषि मंडी के पास झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग को सांकेतिक रूप से अवरूद्ध कर प्रदर्शन किया।
हमीरपुर के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अनूप कुमार ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन ने चक्का जाम की घोषणा वापस ले ली थी। लेकिन, कुछ किसानों ने राठ कस्बे में शांति पूर्ण प्रदर्शन किया और कृषि कानून वापस लेने की मांग करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा।
ललितपुर जिले के अपर पुलिस अधीक्षक गिरिजेश कुमार ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में कुछ देर तक प्रदर्शन किया। उन्होंने केंद्र के नये कृषि क़ानूनों के खिलाफ नारेबाजी की और अपना ज्ञापन सौंपा।
महोबा जिले के कुलपहाड़ के पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) रामप्रवेश राय के अनुसार, कुलपहाड़ कस्बे के गोंदी चौराहा पर किसानों ने कुछ देर के लिए नारेबाजी की और ज्ञापन देने के बाद कार्यक्रम समाप्त कर दिया।
चित्रकूट जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि किसानों ने सांकेतिक रूप से प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। आवागमन बाधित नहीं किया गया।
वहीं, बुंदेलखंड़ किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दावा किया, " संगठन से जुड़े किसानों ने बांदा जिले के अतर्रा कस्बे में कृषि मंडी के सामने चक्का जाम कर कृषि कानूनों का विरोध किया और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा।’’ अमेठी से मिली खबर के अनुसार जिला मुख्यालय अमेठी के गौरीगंज मे किसान नेताओं ने प्रदर्शन किया और तीनों क़ानूनों को वापस लेने के लिए एक ज्ञापन अपर जिलाधिकारी शैलेश प्रताप सिंह को सौपा।
किसान नेता रीता सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों महिलाओं ने हाथ में लाठी ,डंडे, हंसिया, खुरपा लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के विरोध में नारे लगाए। सुरक्षा प्रबंधों के बीच लगभग 2 किलोमीटर तक मार्च करने के बाद अमेठी कलेक्ट्रेट में अपर जिलाधिकारी शैलेंद्र प्रताप सिंह को ज्ञापन सौंपा गया।
कथित तौर पर किसानों के खिलाफ बयन देने को लेकर प्रदर्शनकारियों ने अभिनेत्री कंगना रनौत का पुतला भी फूंका।
तिलोई तहसील क्षेत्र के इंहौना में किसानों ने प्रदर्शन किया और तिलोई एसडीएम योगेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा।


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