Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 15 Feb, 2021 03:40 PM
मिशन 2022 के मद्देनजर यूपी में अपनी पैंठ मजबूत करने के लिए कांग्रेस महासचिव एवं यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी लगातार प्रयासरत है, ऐसे में किसान आंदोलन उनके लिए सुनहरी मौके जैसा है, जिसकी आड़ में प्रियंका यूपी में कांग्रेस की खोई ताकत को फिर से मजबूत...
बिजनौर: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने किसानों की मांग नहीं सुनने को लेकर सोमवार को सरकार से कहा कि ‘जिस किसान का आप अपमान कर रहे हैं उसका बेटा सीमा पर आपकी सुरक्षा कर रहा है, आपको उनका अपमान करने का हक नहीं है।' केन्द्र के नए कृषि कानूनों पर कांग्रेस नेता ने कहा, ''प्रधानमंत्री जी आपने जो यह कानून बनाया है, उससे देश का किसान, इस देश का गरीब संकट में है, रो रहा है अपना अधिकार मांग रहा है। आप उस कानून को वापस लीजिये, इन कानूनों को रद्द कीजिये । जिन्होंने आपको सत्ता दी है उनका आदर कीजिये, उनको अपमानित मत कीजिये।''
बिजनौर में किसान महापंचायत को संबोधित कर रही गांधी ने नवंबर के अंत से जारी किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में कहा, ‘‘किसान आपके दरवाजे पर खड़ा है, उसका बेटा आपकी सीमा पर खड़ा है। जिस किसान का आप अपमान कर रहे हैं उसका बेटा सीमा पर आपकी सुरक्षा कर रहा है।'' सरकार को अहंकारी बताते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, नेता दो तरह के होते हैं, कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें बहुत अहंकार हो जाता है, वह भूल जाते है कि उन्हें सत्ता देने वाला कौन है। देश के इतिहास में बार-बार ऐसा हुआ है जबकि नेता को अहंकार होने पर देशवासी उसे सबक सिखाते हैं। और जब देशवासी उसे सबक सिखाते है तब वह शर्मिंदा होता है, वह समझता है कि उसका धर्म क्या था।''
उन्होंने केन्द्र सरकार पर जनता से किए गए वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘सात साल में जितने वादे किये सारे तोड़ दिए। छोटा व्यापारी था उसकी कमर तोड़ दी। किसान की कमर तोड़ दी, गरीब की मदद नहीं की।'' केन्द्र सरकार पर पूंजीपतियों के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए प्रियंका गांधी ने किसानों से कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता यह (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार) आपके लिये काम करेंगे, लेकिन मुझे आप पर भरोसा है, देश की जनता पर भरोसा है और आपसे बड़ी उम्मीद है। मुझे उम्मीद है कि आप पीछे नहीं हटेंगे, आप अपने अधिकारों के लिये लड़ेंगे और इस लड़ाई में कांग्रेस और उसका हर एक कार्यकर्ता आपके साथ है।'' प्रियंका गांधी ने सभा समाप्त हो पर किसान आंदोलन के दौरान मरे किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कुछ पल का मौन रखा।