बिजली विभाग को निजीकरण करना वंचित, गरीब और मध्यमवर्ग को गुलाम बनाने जैसा है: राजभर

Edited By Ramkesh,Updated: 06 Oct, 2020 06:05 PM

privatizing is like enslaving the deprived poor and middle class rajbhar

उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के निजीकरण किए जाने के प्रस्ताव के विरोध में सूबे के 15 लाख से ज्यादा कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर हैं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के निजीकरण किए जाने के प्रस्ताव के विरोध में सूबे के 15 लाख से ज्यादा कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर हैं। विद्युत कर्मचारी के समर्थ में भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने ट्वीट कर कहा कि यूपी के एक बड़े हिस्से पूर्वाचल में विघुत विभाग के कर्मचारी निजी करण का विरोध कर रहे है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी इस आंदोलन का समर्थन करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि निजीकरण वंचित,गरीब और मध्यमवर्ग को गुलाम बनाने की पहली सीढ़ी है। केन्द व प्रदेश सरकार प्रदेश द्वारा हो रहे जिनी करण का विरोध खुल कर करें।
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बता दें कि हड़ताल कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए बिजली विभाग को निजी हाथों में जो सौंपने का फैसला किया है, जो सही नहीं है। सरकार और समिति के बीच पिछले 5 अप्रैल 2018 को हुए समझौते का पालन किया जाए। राज्य सरकार और बिजली विभाग के कर्मचारियों के संगठनों के बीच ऊर्जा प्रबंधन के साथ एक समझौता किया गया था।जिसमें कहा गया था कि निजीकरण से संबंधित कोई भी निर्णय लेने से पहले सरकार कर्मचारियों को विश्वास में लेगी और बिना विश्वास में लिए कोई भी फैसला नहीं करेगी। फिर भी सरकार तानाशाही तरीके से सरकार फैसला ले रही है। जो कि कर्मचारियों के हित में नहीं है।
 

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