Edited By Ramkesh,Updated: 13 Sep, 2020 03:43 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्राइवेट अस्पतालों द्वारा कोविड संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए निर्धारित पैकेज के अनुसार ही धनराशि ली जाये।
लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्राइवेट अस्पतालों द्वारा कोविड संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए निर्धारित पैकेज के अनुसार ही धनराशि ली जाये। अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा बैठक में योगी ने रविवार को कहा कि लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, कानपुर और मेरठ में संक्रमण की स्थिति को देखते हुए विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
लखनऊ में कोविड अस्पताल बनाये गये सभी प्राइवेट अस्पतालों द्वारा संक्रमित मरीजों के लिए मानक के अनुरूप स्तरीय सुविधाएँ सुनिश्चित की जाएं। उन्होने कहा कि सभी कोविड अस्पतालों में पीपीई किट, मास्क, ग्लव्ज, सेनिटाइजर आदि की उपलब्धता निरंतर बनी रहे। कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति निरंतर बनाये रखने की प्रभावी व्यवस्था की जाए। ऑक्सीजन की उपलब्धता 48 घण्टे के बैकअप के साथ रहनी चाहिए। ऑक्सीजन की कालाबाजारी प्रत्येक दशा में रोकी जाए। ऐसी गतिविधियों में संलग्न व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
योगी ने कहा कि सरकार आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ सुलभ कराने के लिए कृत संकल्प हैं। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव व उपचार के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव कदम उठाया जा रहा है हालांकि कोरोना से बचाव के लिए इसके प्रति पूरी सावधानी बरते जाने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि कोविड-19 के प्रति जागरूकता के लिए पुलिस और प्रशासन मिलकर पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से अभियान चलाएं। मास्क न पहनने वालों के प्रति सछ्वावनापूर्ण ढंग से परिवर्तन कार्रवाई की जाए। इसका उद्देश्य लोगों को कोरोना काल में मास्क पहनने के महत्व से परिचित कराना होना चाहिए।
प्रदेश में कोविड-19 के टेस्ट की संख्या 75 लाख से अधिक होने पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होने कहा कि निरन्तर अधिक से अधिक टेस्ट किये जाएं। जितने अधिक टेस्ट किये जाएंगे, कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार पर उतना ही प्रभावी नियंत्रण किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से बचाव व उपचार की गतिविधियों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए प्रशिक्षित व कुशल मानव संसाधन को बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। इसके मद्देनजर चिकित्सकों, पैरामेडिक्स तथा अन्य चिकित्सा कर्मियों को अधिक से अधिक संख्या में प्रशिक्षित कराया जाए। सभी कोविड अस्पतालों में एचएफएनसी (हाई फ्लो नेज़ल कैन्युला), दवाई आदि सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।