Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jul, 2017 03:25 PM
राष्ट्रपति चुनाव में भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद और....
लखनऊ: राष्ट्रपति चुनाव में भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद और विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार में से जीत किसी की भी हो, उत्तर प्रदेश का औद्योगिक शहर कानपुर चर्चा में रहेगा। दरअसल कोविंद जहां कानपुर के कल्याणपुर में रहते हैं, वहीं मीरा का ननिहाल कानपुर में है। हालांकि 71 वर्षीय कोविंद का जन्मस्थान कानपुर देहात का है, लेकिन अब कानपुर नगर ही उनका घर है। बेहद साधारण पृष्ठभूमि से आए कोविंद राजग की आेर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाए जाने से पहले तक बिहार के राज्यपाल थे। दलीय स्थिति और कोविंद के लिए घोषित समर्थनों के हिसाब से देखें तो देश के सर्वाेच्च संवैधानिक पद पर उनके आसीन होने की पूर्ण संभावना लग रही है।
कानपुर नगर के महर्षि दयानन्द विहार में कोविंद के पड़ोसी उन्हें एेसे सौम्य और मृदुभाषी व्यक्ति के रूप में जानते हैं, जो सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास करता है। वर्ष 2006 से 2008 तक राज्यसभा के सदस्य रहे कोविंद के जनसम्पर्क अधिकारी अशोक त्रिवेदी का कहना है कि कोविंद जी बहुत साधारण परिवार से हैं और कड़ी मेहनत एवं समर्पण के बल पर यहां तक पहुंचे हैं। त्रिवेदी के अनुसार कोविंद जमीन से जुड़े नेता होने की वजह से भोजन भी बहुत सादा ही पसन्द करते हैं। वह वर्ष 2012 में मेरी पत्नी के निधन पर संवेदना व्यक्त करने के लिए मेरे घर आए थे। दूसरी आेर, राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार का ननिहाल कानपुर में है।
पिछले शुक्रवार को लखनऊ आईं मीरा उत्तर प्रदेश के साथ अपने रिश्ते बताने के दौरान अपने ननिहाल का जिक्र करना नहीं भूलीं। इससे एक बात तो तय है कि दोनों उम्मीदवारों में से चाहे जो भी राष्ट्रपति बने, कानपुर का चर्चा में आना तय है। कोविंद और मीरा से पहले वर्ष 2002 में कानपुर की ही लक्ष्मी सहगल भी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ चुकी हैं। लक्ष्मी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की आजाद हिन्द फौज में थीं। उन्हें भाकपा, माकपा, रेवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी तथा ऑ इण्डिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने मुख्य रूप से समर्थन दिया था। उस चुनाव में राजग के प्रत्याशी डॉक्टर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को 9 लाख 22 हजार 884 जबकि लक्ष्मी को 1 लाख 7 हजार 366 वोट मिले थे।