रेलवे बोर्ड के चेयरमैन पहुंचे प्रयागराज, एनसीआर के अधिकारियों के साथ की अहम बैठक

Edited By Ajay kumar,Updated: 03 Nov, 2019 04:35 PM

prayagraj chairman of railway board meets with ncr officials

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव प्रयागराज पहुंचे। यहां उन्होंने एनसीआर के अधिकारियों के साथ रेलवे द्वारा चल रही विभिन्न परियोजनाओं के कार्यों पर समीक्षा बैठक की। बैठक खत्म होने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा...

प्रयागराज: रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव प्रयागराज पहुंचे। यहां उन्होंने एनसीआर के अधिकारियों के साथ रेलवे द्वारा चल रही विभिन्न परियोजनाओं के कार्यों पर समीक्षा बैठक की। बैठक खत्म होने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा की भारतीय रेलवे के लिए सबसे ज्यादा जरूरी सुरक्षा है। सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे ने जो काम किया है उसके फायदे अब दिखाई देने लगे हैं। उन्होंने कहा की यदि पिछले 7 महीने का रिकॉर्ड देखा जाए तो कोई भी दुर्घटना रेलवे से नहीं हुई है। रेलवे लाइनों पर बने जगह-जगह क्रॉसिंग भी धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा है। इसमें ज्यादातर छोटे क्रॉसिंग को पहले ही समाप्त किया जा चुका है। जबकि कुछ बड़े क्रॉसिंग अभी बचे हुए हैं जिन को समाप्त करने का काम चल रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे फ्रेट कारीडोर को कई टुकड़ों में व्यवस्थित कर रहा है। जिसमें से 200 किलोमीटर का कार्य पूरा किया जा चुका है जबकि 31 दिसंबर तक दिल्ली से मुंबई और दिल्ली से कोलकाता का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद एडजेस्टिंग नेटवर्क को अपडेट करके 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पैसेंजर ट्रेनों को चलाया जायेगा।
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रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बताया कि आने वाले दिनों में भारतीय रेलवे यात्रियों के डिमांड के अनुसार ट्रेनें चलाएगी। इसके लिए सिगनल सिस्टम का भी आधुनिकीकरण किया जा रहा है। इसी दौरान मीडिया से पूछे जाने पर कि इलाहाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर प्रयागराज कब किया जाएगा के सवाल पर चेयरमैन ने कहा कि यह एक लंबी प्रक्रिया है जो शुरू हो गई है। गृह मंत्रालय से आदेश मिलने के बाद स्टेशन का नाम बदल दिया जाएगा। आगे चेयरमैन ने यह भी बताया कि भारतीय रेलवे में कोई निजीकरण नहीं होने जा रहा है और ना ही निजीकरण का कोई प्लान है। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट करने के लिए और लगभग 150 ट्रेनें एक्स्ट्रा चलाने के लिए भारतीय रेलवे अभी से प्रयासरत है। इसीलिए रेलवे की यह कोशिश है कि प्राइवेट ट्रेन ऑपरेटर लाया जाय पहले से चली आ रही ट्रेनों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। उसे भारतीय रेल ही चलाती रहेगी। यदि भारतीय रेलवे को यात्रियों के लिए कोई अलग से ट्रेन चलानी होगी तो उसके लिए रेलवे प्राइवेट ट्रेन आपरेटर का सहारा लेना होगा। चेयरमैन ने यह भरोसा दिलाया कि अब भारतीय रेलवे कुछ भी करेगा तो अपने यूनियन के कर्मचारियों को लेकर या उनसे वार्ता करने के बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचेगा।

चेयरमैन ने कहा की आने वाले दिनों में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में और तेजी से काम देखने को मिलेगा। दिल्ली मुम्बई और कोलकाता रूट सबसे ज़्यादा कन्जेस्टेड हैं। इस पर जो डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर का काम चल रहा है उसे अगले 2 साल में पूरा कर लिया जायेगा। जैसे ही यह कार्य पूरा होता है तो दिल्ली से मुम्बई और कोलकाता एडजेस्टिंग नेटवर्क पर चलने वाली पैसेंजर गाड़ियों को 160 किलो मीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से चलाएंगे। आने वाले दिनों में रेलवे की कोशिश रहेगी की डिमांड के मुताबिक़ ट्रेनों का संचालन किया जा सके। 

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