Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 06 Jul, 2022 12:06 PM
प्रतापगढ़: यूपी के प्रतापगढ़ जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां 9 शिक्षिकाओं ने नौकरी को हासिल करने के लिए फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र लगाया था, जिसका खुलासा होने के बाद बीएसए ने उन सभी फर्जी शिक्षिकाओं को नौकरी से निष्काशित कर दिया...
प्रतापगढ़: यूपी के प्रतापगढ़ जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां 9 शिक्षिकाओं ने नौकरी को हासिल करने के लिए फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र लगाया था, जिसका खुलासा होने के बाद बीएसए ने उन सभी फर्जी शिक्षिकाओं को नौकरी से निष्काशित कर दिया है। इसके साथ उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया गया है।
बता दें कि यह मामला 16 अक्टूबर 2020 में हुए 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती से जुड़ा हुआ है। 9 शिक्षिकाओं पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी टीईटी प्रमाण-पत्र लगाकर यह नौकरी को हासिल किया था। जिन टीचर्स के टीईटी प्रमाण-पत्र फर्जी मिले है। उनका नाम है- मीरा देवी, सीमा देवी, कंचन, निधि सिंह, संगीता देवी, सीमा कोरी, बिंदु देवी, सुमित्रा मौर्या और रुचि प्रजापति। बीएसए भूपेंद्र ने बताया कि 69,000 हजार भर्ती में इन 9 शिक्षिकाओं को नौकरी दी गई थी। ऑनलाइन सत्यापन के दौरान इस मामले का खुलासा हुआ। जिससे इन सभी शिक्षिकाओं के टीईटी का प्रमाण -पत्र फर्जी पाया गया।
इसी दौरान ऑनलाइन सत्यापन में बीएसए विभाग के पटल बाबुओं का भी सच सामने आया। बताया जा रहा है कि पटल बाबुओं ने फर्जी शिक्षिकाओं की फ़ाइल 6 माह से दबा कर रखी थी। पटल बाबू द्वारा इन सभी शिक्षिकाओं को बचाया जा रहा था। अब बीएसए ने इन सभी शिक्षिकाओं पर आरोप लगाते हुए इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। वहीं, अब अन्य शिक्षक भी जांच के चक्रव्यूह में है।