Edited By Ajay kumar,Updated: 17 Mar, 2020 09:17 AM
उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में सीएए के विरोध के दौरान सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को कथित तौर पर नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के पोस्टर लखनऊ के चौराहों से हटाने के मामले में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल....
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में सीएए के विरोध के दौरान सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को कथित तौर पर नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के पोस्टर लखनऊ के चौराहों से हटाने के मामले में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और समय मांगते हुए सोमवार को एक अर्जी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दाखिल की।
इस आवेदन में राज्य सरकार ने यह आधार लिया है कि उच्च न्यायालय के 9 मार्च के निर्णय के खिलाफ राज्य की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) उच्चतम न्यायालय में लंबित है और उच्चतम न्यायालय ने उसे बड़ी पीठ के पास भेज दिया है क्योंकि इसमें महत्वपूर्ण मुद्दा शामिल है। अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी ने अदालत से कहा कि इस स्थिति में उच्चतम न्यायालय द्वारा इस मामले में अंतिम निर्णय सुनाये जाने तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए राज्य सरकार और समय की जरूरत है। इससे पूर्व, 9 मार्च, 2020 को राज्य सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लखनऊ के जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त को शहर की सड़कों के किनारे लगे प्रदर्शनकारियों के बैनर, पोस्टर आदि तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दिया था।
इसी आदेश में अदालत ने लखनऊ के जिलाधिकारी को 16 मार्च, 2020 को या इससे पहले इस अदालत के रजिस्ट्रार जनरल को संतोषजनक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। इससे पहले, 7 मार्च को मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने लखनऊ के महत्वपूर्ण चौराहों पर लगे इन पोस्टरों का स्वतः संज्ञान में लेते हुए रविवार (8 मार्च) को इस मामले की विशेष सुनवाई की थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था।