राजनीतिक षडयंत्र के तहत बसपा नेताओं के खिलाफ की जा रही पॉस्को अधिनियम के तहत कार्रवाई: मायावती

Edited By ,Updated: 03 Aug, 2016 07:11 PM

political conspiracy against bsp leaders being under action under posco mayawati

बहुजन समाज पाटी अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक षडयंत्र के तहत घटना के इतने दिनों बाद ...

लखनऊ: बहुजन समाज पाटी अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक षडयंत्र के तहत घटना के इतने दिनों बाद पार्टी पदाधिकारियों के खिलाफ बाल यौन शोषण निरोधक अधिनियम (पास्को) अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि गुजरात के ऊना में दलितों के साथ हुए अत्याचार का ध्यान हटाने के लिए प्रदेश में राजनीतिक साजिश के तहत बसपा के तीन वरिष्ठ नेताओं रामअचल राजभर, नौशाद अली तथा अतर सिंह राव के खिलाफ इतने दिनों बाद पॉस्को अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जा रही है। 
 
मायावती ने कहा कि बुलन्दशहर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक परिवार के माँ-बेटी के साथ हैवानियत के बाद बरेली, शामली व कानपुर जिले में भी लगभग उसी प्रकार की दरिन्दगी के मामले सामने आये है। उन्होने मांग की है कि बुलंदशहर के आरोपियों के खिलाफ पॉस्को अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाय। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नही रह गई है। समाजवादी सरकार में व्यवस्था इतनी लचर है कि अपराधियों में $कानून का खौफ ही नहीं है। अपराधी जानते हैं कि सपा सरकार दिखावे के लिए सख्ती कर रही है और अन्तत: उनका कुछ ज्यादा नहीं बिगडऩे वाला है। 
 
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि देशभर में महिलाओं साथ अत्याचार हो रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में इसकी अति हो रही है। बुलन्दशहर की घटना के बाद बरेली, शामली व कानपुर में दिन के समय महिलाओं को सामूहिक दुष्कर्म का शिकार बनाया गया है। बुलंदशहर में बदमाशों ने घटना को रात में अन्जाम दिया लेकिन बरेली में एक अध्यापिका को दिन दहाड़े खींचकर ले गए। 
 
मायावती ने कहा कि पिछले 21 जुलाई को बसपा कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन के दौरान कुछ भी गलत नहीं कहा है। केवल राजनीतिक षडय़न्त्र के तहत ही इन सभी लोगों पर नया-नया मुकदमा कायम किया गया है। अब उसमें नई -नई धाराएं जोड़ी जा रही हैं, जिसकी बसपा कड़े शब्दों में निन्दा करती है।
 
गौरतलब है कि पिछले 19 जुलाई को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित दयाशंकर सिंह ने मऊ में बसपा अध्यक्ष के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। मायावती ने दूसरे दिन इसे राज्यसभा में जोरदार ढंग से उठाया था। इसके बाद बसपा कार्यकर्ताओं ने पिछले 21 अगस्त को दयाशंकर सिंह के खिलाफ धरना पदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पार्टी के कुछ नेताओं ने दयाशंकर सिंह के परिवार के खिलाफ अभद्र नारे लगाये थे। इस मामले में बसपा नेताओं ने दयाशंकर सिंह के खिलाफ हजरतगंज थाने में मामला दर्ज कराया था। इसके बाद दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह और उसकी मां तेतरी देवी ने बसपा नेतओं के खिलाफ अभद्र भाषा प्रयोग किये जाने के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। स्वाति सिंह ने राज्यपाल रामनाईक से कहा कि बसपा नेताओं ने उसकी नाबालिग पुत्री के खिलाफ नारे लगाये और अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। 
 
श्रीमती सिंह ने राज्यपाल से बसपा नेताओं के खिलाफ पॉस्को अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की मांग की थी। बसपा नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमें में पॉस्को अधिनियम को गत एक अगस्त को जोड दिया गया है। अब बसपा नेताओ के खिलाफ पॉस्को अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी।

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