PM ओली भारत-नेपाल के संबंधों को नष्ट कर रहे हैं: महंत नृत्यगोपाल दास

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 14 Jul, 2020 05:56 PM

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श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि विवादित बयान देकर नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली भारत और नेपाल के संबंधों को नष्ट कर रहे हैं। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के...

अयोध्याः श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि विवादित बयान देकर नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली भारत और नेपाल के संबंधों को नष्ट कर रहे हैं। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष  दास ने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री ओली विवादित बयान देकर भारत और नेपाल के संबंधों को नष्ट करने में लगे हैं। भगवान श्रीराम को लेकर ओली अलाप उनकी कुंठित और भ्रमित मानसिकता को दर्शाता है। भगवान श्रीराम और सीता को भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व पूजित हैं। जो कण-कण में विराजमान हों उसे एक परिधि में बांधने वाले मूर्ख ही हैं।

उन्होंने कहा कि भारत राम, कृष्ण और भोलेनाथ की धरती है ,जिसमें अयोध्या, मथुरा और काशी जैसे उनके पवित्र नगर युगों से विद्यमान हैं। नेपाल राष्ट्र भी भारतीय परम्पराओं का अनुगामी रहा है जिसे कोई भी चीनी भक्त प्रधानमंत्री खंडित नहीं कर सकता है। सनकादिक आश्रम के महंत और संत समिति अध्यक्ष कन्हैयादास महाराज ने कहा कि नेपाल के कम्युनिस्ट प्रधानमंत्री नेपाल के साथ गद्दारी कर रहे हैं। उनकी भूमिका पूर्ण रूपेण संदेह के घेरे में है। उन्होंने कहा कि अयोध्या श्रीराम की आत्मा है और साथ ही माता सीता की जन्मभूमि नेपाल हमारे लिये पूज्यनीय रही है, इसलिए भारत और नेपाल के संबंधों को माओवादी किसी भी कीमत पर समाप्त नहीं कर पायेंगे।

सद्गुरू गोलाघाट महंत सिया किशोरी शरण महाराज ने कहा कि नेपाल भारत का अभिन्न अंग है। अयोध्या और श्रीराम को नेपाल में बताने वाले विक्षिप्त हो गये हैं। सम्पूर्ण विश्व जानता है कि अयोध्या और श्रीराम की जन्मभूमि किस राष्ट्र में है। उन्होंने कहा कि वैसे नेपाल के प्रधानमंत्री ओली जैसे चीनी भक्तों को यह ज्ञात होना चाहिए कि माता जानकी नेपाल की पुत्री थीं और राजा राम का साम्राज्य कहां तक था तो इस तरह सम्पूर्ण नेपाल पर अयोध्या का आधिपत्य रहा। उन्होंने कहा कि आज भी हमारे व्यवहारिक व सांस्कृतिक संबंध उसी भांति हैं जिसे ओली जैसे चीनी सेवक समाप्त करने का षड्यंत्र कर रहे हैं।  

इस बीच विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के प्रवक्ता शरद शर्मा ने जारी एक बयान में कहा कि नेपाली प्रधानमंत्री का बयान कि श्रीराम नेपाली थे, अयोध्या नेपाल में है, भारत में नहीं... दुर्भाग्यपूर्ण और हास्यास्पद है। ओली का चीन ने मानसिक संतुलन बिगाड़ दिया है, इसीलिए उन्होंने भारत और नेपाल की प्राचीन परम्पराओं को क्षति पहुंचाने की कमान चीन के इशारे पर संभाल ली है। के.पी. शर्मा ओली के बयान पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि फिर से विवादित बयान दिया है कि, राम का जन्म भारत में नहीं नेपाल में हुआ। भारत राम की जन्मस्थली वीरगंज के ओरी में है। यह उनका बयान प्राचीन भारत और नेपाल के रोटी-बेटी के संबंधों में पलीता लगाने के समान है।

उन्होंने कहा कि वेद वर्णित श्रीराम व उनकी अयोध्या का उल्लेख विश्व के अनेक ग्रंथों में है। भारत की पवित्र धरती के कण-कण में भगवान श्रीराम का वास है और नेपाल भी भारत का अंग है, जिसे ओली जैसे चीन भक्त नकारते हैं। उन्होंने कहा कि चीन के कथित षड्यंत्र में सहयोगी बनकर नेपाली प्रधानमंत्री अपने नागरिकों को गुलामी की ओर ढकेलने में सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि नेपाली हिन्दू जनता एक भूल तो एकमात्र हिन्दू राष्ट्र कहलाने वाले नेपाल को कथित धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित करने में कर चुकी है। अब भारत और नेपाल के संबंध पर मौन रही तो वह स्वयं इतिहास बन जायेगी। उन्होंने कहा कि श्रीराम-जानकी भक्त नेपाली अब तो चाऊ-माऊ को अपने देश से बाहर खदेड़ें। 


 

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