Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 03 May, 2018 06:20 PM
भारत के कई शहर लंबे वक्त से भारी प्रदूषण की स्थिति से गुजर रहे हैं। डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी आंकडों के मुताबिक, दुनिया के सबसे 20 प्रदूषित शहरों की सूची में भारत के 14 शहर शामिल हैं...
वाराणसीः भारत के कई शहर लंबे वक्त से भारी प्रदूषण की स्थिति से गुजर रहे हैं। डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी आंकडों के मुताबिक, दुनिया के सबसे 20 प्रदूषित शहरों की सूची में भारत के 14 शहर शामिल हैं। सबसे खास बात ये कि जिस वाराणसी शहर काे प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी क्याेटाे बनाने का सपना देख रहे थे वह दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर है। यह आंकड़े इन शहरों की जहरीले वायु गुणवत्ता के आधार पर जारी किए गए हैं।
भारत के प्रदूषित शहरों की लिस्ट
रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषित शहरों की लिस्ट में टॉप पर कानपुर है। वहीं दिल्ली छठे नंबर पर और प्रदेश की राजधानी लखनऊ सातवें नम्बर पर है। अन्य भारतीय शहर जहां पीएम 2.5 प्रदूषकों का सबसे उच्च स्तर दर्ज किया है। उनमें कानपुर, फरीदाबाद, गया, पटना, लखनऊ, आगरा, मुजफ्फरपुर, श्रीनगर, गुड़गांव, जयपुर, पटियाला और जोधपुर शामिल हैं।
प्रदूषण विभाग ने दी सफाई
उधर, वाराणसी का प्रदूषण विभाग भी वाराणसी में बढ़ते हुए प्रदूषण के पीछे यहां हो रहे विकास कार्य एवं गाड़ियों की बढ़ती संख्या को जिम्मेदार मानता है। प्रदूषण विभाग प्रभारी निरीक्षक एके सिंह का कहना है कि इस समय वाराणसी में वायु प्रदूषण मानक से डेढ़ गुना तक ज्यादा है। हालांकि प्रदूषण विभाग जारी रिपोर्ट को अबतक न देखने की बात कहकर अधिकारी अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। वाराणसी के प्रदूषण विभाग के इकाई का कहना है कि प्रदूषण को कम करने के लिए वो एक एक्शन प्लान बना रहे हैं।
5 सालों में बनारस में पॉल्यूशन का लेवल तेजी से बढ़ा
इस मामले में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर बीआरडी गुप्ता का कहना है कि बीते 5 सालों में बनारस में प्रदूषण का लेवल तेजी से बढ़ा है। इसकी मुख्य वजह है शहर में चल रहे विकास कार्य और गाड़ियों से निकलने वाले जहरीले धुएं। इस वजह से प्रदूषण का स्तर 5 सालों में 3 गुना से ज्यादा हो गया है।
साफ सफाई की उचित व्यवस्था नहीं
वहीं बनारस के लोगों का कहना है कि हम लोगों के शहर में प्रदूषण हैं। इसमें कोई बड़ी बात नहीं क्योंकि यहां पर साफ सफाई की उचित व्यवस्था नहीं हैं। सड़कें खस्ताहाल पड़ी हैं। खुदाई के बाद बगैर पानी का छिड़काव हुए वहां से गाड़ियां गुजर रही हैं। इन स्थितियों में ना चाहते हुए भी हर उम्र के लोगों को मुंह बांध कर ही चलना पड़ता है। वाराणसी अब भारी प्रदूषण की चपेट में है, यहां सांस लेना भी दूभर हो चुका है। लोगों का कहना है कि ये शर्म की बात है।
ऐसे में उठता है सवाल
ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर बनारस में प्रदूषण का स्तर कैसे कम होगा और इसके लिए जिम्मेदार व्यवस्था को सुधारने के क्या उपाय होंगे।