Edited By Anil Kapoor,Updated: 14 Jul, 2018 12:53 PM
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव की दृष्टि से केन्द्र और प्रदेश सरकार किसानों को एक बार फिर लुभाने की कोशिश कर रही है, लेकिन किसान इनके झूठ और छलावे में आने वाला नहीं हैं क्योंकि वर्ष 2014 में....
लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव की दृष्टि से केन्द्र और प्रदेश सरकार किसानों को एक बार फिर लुभाने की कोशिश कर रही है, लेकिन किसान इनके झूठ और छलावे में आने वाला नहीं हैं क्योंकि वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपने चुनाव प्रचार के माध्यमों द्वारा किसानों, गरीबों, बेरोजगारों और आम लोगों को सुविधाएं देने का वादा किया था। लोकसभा के सम्पूर्ण कार्यकाल और प्रदेश सरकार के लगभग डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में इन्हीं वर्गों का उत्पीड़न किया गया। किसानों को लागत मूल्य का डेढ़ गुना देने का वादा था परंतु उन्हें अपनी फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिला। ऋण माफी के नाम पर 2-2 रुपए के चेक देकर उन्हें अपमानित किया गया।
डॉ. अहमद ने कहा कि मजदूरों को नोटबंदी के बाद 2 जून की रोटी के लिए तरसना पड़ा क्योंकि हजारों कल कारखाने बंद हो गए और मजदूर बेरोजगार हो गए। 2 करोड़ नौकरियां प्रतिवर्ष देने का वादा करने वाली सरकार ने 2 लाख नौकरियां भी नहीं दीं। आम जनता को सम्पूर्ण कार्यकाल में महंगाई से त्रस्त होकर अपना परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। भाजपा के स्टार प्रचारक नरेन्द्र मोदी 2014 चुनाव से पहले अपने भाषणों में कहा करते थे कि पैट्रोल 35 रुपए लीटर चाहिए या 80 रुपए लीटर। जनता 35 रुपए लीटर पाने की आशा में वोट देकर 80 रुपए लीटर की खरीद करती रही।
बिजली का बिल सम्पूर्ण प्रदेश में कई बार बढ़ाया गया जिसमें अनमीटर्ड ग्रामवासी और शहरी उपभोक्ता चपेट में आए। प्रदेश सरकार द्वारा विगत महीनों में की गई बढ़ौतरी से ट्यूबवैल से सिंचाई करने वाले किसान भी दोगुने बिल की चपेट में आ गए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल उपरोक्त सभी मुद्दों की लड़ाई सड़क से संसद तक लड़ रहा है और जब तक सभी वर्गों को संतोषजनक रास्ता नहीं दिखाई पड़ेगा, यह लड़ाई दिनों-दिन तीव्र होती जाएगी। अब प्रदेश की जनता राष्ट्रीय लोकदल के संस्थापक किसान मसीहा चौ. चरण सिंह की नीतियों से ही अपना उद्धार समझ रही है।