Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 25 Jul, 2021 10:36 AM
आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सियासत की गर्मी बढ़ती जा रही है। ऐसे में वोट साधने की कोशिश में सभी दल अपनी पृष्ठभूमि को जनता-जनार्दन
मेरठः आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सियासत की गर्मी बढ़ती जा रही है। ऐसे में वोट साधने की कोशिश में सभी दल अपनी पृष्ठभूमि को जनता-जनार्दन के सामने मजबूती के साथ पेश करने में लगे हुए हैं। इसी क्रम में अब पिछड़ों को साधने के लिए फूलन देवी की मूर्ति पर सियासत शुरू हो गई है। बता दें कि यूपी के पड़ोसी राज्य बिहार की विकासशील इंसान पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पश्चिमी यूपी के मेरठ हस्तिनापुर में फूलन देवी की मूर्ति स्थापित करने की कोशिश की। हालांकि समय से पुलिस को इसकी सूचना मिल गई, जिसके बाद पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और बिना अनुमति मूर्ति स्थापना को रुकवा दिया।
बता दें कि सारा खेला वोट बैंक को नजर में रखकर खेला जा रहा है। इसका गणित इस तरह से समझ सकते हैं कि पश्चिम यूपी में बड़ी संख्या में कश्यप, निषाद और दूसरी पिछड़ी जातियों के लोग रहते हैं। इन्हीं लोगों का वोट हासिल करने के लिए अब राजनीतिक पार्टियों ने एड़ी-चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया है। सबसे बड़ी बात है कि वीआईपी पार्टी की पश्चिम प्रदेश में कोई राजनैतिक पृष्ठभूमि ही नहीं है। ऐसे में फूलन देवी उनके लिए स्वर्णिम अवसर हो सकता है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी वीआईपी पार्टी ने फूलन देवी की मूर्ति स्थापित करने की कोशिश की थी। जहां पुलिस ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया था।