Edited By Deepika Rajput,Updated: 02 Dec, 2019 10:11 AM
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में अवैध खनन की जांच के सिलसिले में पिछले एक सप्ताह से डेरा जमाए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की दहशत स्थानीय मौरंग कारोबारियों में इस कदर है कि तलब किए जाने के भय से ज्यादातर ने अपने फोन स्विच ऑफ कर लिए हैं।
हमीरपुरः उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में अवैध खनन की जांच के सिलसिले में पिछले एक सप्ताह से डेरा जमाए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की दहशत स्थानीय मौरंग कारोबारियों में इस कदर है कि तलब किए जाने के भय से ज्यादातर ने अपने फोन स्विच ऑफ कर लिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक CBI टीम के मुख्यालय में डेरा जमाने के 7 दिनों में मात्र छह लोग ही पेश हुए हैं, जबकि अन्य के मोबाइल स्विच ऑफ होने की बात सामने आई है। रविवार को कैंप कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा। CBI अधिकारियों ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से उनके आवास जाकर मुलाकात की। सरीला तहसील में तैनात लेखपाल ने कैंप कार्यालय पहुंच बेंदा दरिया खनन क्षेत्र से संबंधित अभिलेख CBI को उपलब्ध कराए। जिले में हुए अवैध मौरंग खनन की जांच को लेकर CBI ने छठवीं बार 25 नवंबर को मुख्यालय में डेरा जमाया हुआ है।
पहले दिन CBI ने 78 लोगों को पूछताछ के लिए पुलिस के माध्यम से नोटिस भेजा था, जिसमें अब तक सपा MLC रमेश मिश्रा अपने भाई दिनेश मिश्रा एवं मुनीम जयकरन के साथ पेश हुए। बाद में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अवैध खनन में नामजद संजय दीक्षित के चाचा राकेश दीक्षित, खनिज विभाग के सेवानिवृत्त बाबू रामसहाय व कानपुर देहात में तैनात डीएफओ की ही पेशी हुई है।