Edited By Umakant yadav,Updated: 23 Jan, 2021 12:10 PM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लोक सेवा आयोग से पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2020 के श्रेणीवार परीक्षा परिणाम और इसे तैयार करने व प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए पदों की संख्या का पूरा ब्यौरा तलब कर लिया है।
प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लोक सेवा आयोग से पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2020 के श्रेणीवार परीक्षा परिणाम और इसे तैयार करने व प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए पदों की संख्या का पूरा ब्यौरा तलब कर लिया है। प्रारंभिक परीक्षा के संशोधित परिणाम को उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए कहा गया है कि संशोधित परिणाम जारी करने में पारदर्शिता नहीं बरती गई और पहले से चयनित अभ्यर्थियों को संशोधित परिणाम में बिना कोई कारण बताए बाहर कर दिया गया।
न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की एकल पीठ महेश सिंह एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचीगण का पक्ष अधिवक्ता अतुल कुमार साही ने रखा। आयोग के अधिवक्ता एमएन सिंह ने इस प्रकरण में जवाब दाखिल करने के लिए कोटर् से 48 घंटे का समय देने की मांग की। जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने पीसीएस प्री 20 का श्रेणीवार विस्तृत रिजल्ट और राज्य सरकार द्वारा रिजल्ट जारी होने से पूर्व तक उपलब्ध कराई गई पदवार रिक्तियों की संख्या का विवरण अगली सुनवाई पर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
प्रारंभिक परीक्षा की मेरिट लिस्ट तैयार करने के नियम भी अगली सुनवाई पर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने कहा है कि किसी राजपत्रित अधिकारी के माध्यम से आयोग हलफनामा दाखिल करे। याचीगण का कहना है कि उनका चयन बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद के लिए प्रारंभिक परीक्षा में हुआ था। बाद में आयोग ने इन्हीं पदों का संशोधित परिणाम जारी कर दिया और चयनित सभी अभ्यर्थियों को मेरिट लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी।