Edited By Ruby,Updated: 21 Jul, 2019 04:55 PM
आगराः भले ही योगी सरकार प्रदेश में सरकारी स्वास्थय सेवाएं दुरूस्त होने के लाख दावे कर ले, लेकिन हकीकत में यह खोखले साबित हो रहे हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला ताजनगरी आगरा से सामने आया है। यहां गंभीर हालत में पहुंचे मरीज का करीब ..
आगराः भले ही योगी सरकार प्रदेश में सरकारी स्वास्थय सेवाएं दुरूस्त होने के लाख दावे कर ले, लेकिन हकीकत में यह खोखले साबित हो रहे हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला ताजनगरी आगरा से सामने आया है। यहां गंभीर हालत में पहुंचे मरीज का करीब ढाई घंटे तक इलाज शुरू नहीं किया। जिसके चलते मरीज की मौत हो गई।
मामला एसएन मेडिकल कॉलेज का है। यहां एटा निवासी श्रवण कुमार (45) को लिवर संबंधी बीमारी थी। परिजन उन्हें लेकर दोपहर में करीब ढाई बजे इमरजेंसी पहुंचे। आरोप है कि मरीज को भर्ती नहीं किया गया। वो स्ट्रेचर पर ही पड़ा रहा। डॉक्टरों के पास गए तो कभी जांच रिपोर्ट, कभी फाइल बनाने की बात कहते हुए टरकाते रहे।
परिजनों ने जब डॉक्टरो से जल्दी करने को कहा तो उल्टा उन्हें फटकार लगा दी। काफी समय बरबाद करने के बाद डॉक्टरों द्वारा इलाज शुरू किया गया। जिसके बाद लगभग 5 बजे मरीज की मौत हो गई। इस संबंध में एसआईसी डॉ. एसके मजूमदार का कहना है कि मरीज लिवर कैंसर से पीड़ित था, अंतिम स्टेज पर था। उपचार भी दिया गया। इलाज में देरी के आरोप पर जवाब तलब किया जाएगा।