विधानसभा सचिवालय में भर्ती में कथित धोखाधड़ी की जांच का आदेश

Edited By ,Updated: 19 May, 2017 08:06 AM

order to investigate alleged fraud in recruitment in assembly secretariat

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के सचिवालय में समीक्षा अधिकारियों और सहायक समीक्षा अधिकारियों की भर्ती में कथित धोखाधड़ी की जांच का आदेश दिया।

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के सचिवालय में समीक्षा अधिकारियों और सहायक समीक्षा अधिकारियों की भर्ती में कथित धोखाधड़ी की जांच का आदेश दिया। न्यायमूर्ति ए.पी. साही और न्यायमूर्ति डी.एस. त्रिपाठी की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के प्रधान सचिव को वर्ष 2015-16 के दौरान की गई इस भर्ती की प्रक्रिया में कथित धोखाधड़ी की जांच करने का निर्देश दिया। इस भर्ती प्रक्रिया के दौरान उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी।

अदालत ने यह आदेश दीपक कुमार राय और 18 अन्य लोगों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान पारित किया। याचिकाकर्त्ताओं का आरोप है कि इस भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताएं की गई थीं। याचिकाकर्त्ताओं ने ऐसे 6 व्यक्तियों के विवरण उपलब्ध कराए थे जिनके नाम सफल उम्मीदवारों की सूची में नहीं होने के बावजूद उनका चयन किया गया था।

इन याचिकाकर्त्ताओं का यह भी आरोप है कि सफल उम्मीदवारों में करीब एक दर्जन उम्मीदवार सिद्धार्थ नगर जिले की ईटवा तहसील से हैं और वे समाजवादी पार्टी के एक नेता के करीबी माने जाते हैं।

इन याचिकाकर्त्ताओं के वकील आर.पी. सिन्हा ने यह भी बताया कि महज 4 दिनों में 1113 उम्मीदवारों के इंटरव्यू कराए गए जिसका अर्थ है कि एक दिन में औसतन 278 उम्मीदवारों के इंटरव्यू कराए गए। साथ ही, अंतिम सूची में सफल उम्मीदवारों के अंक और जाति के विवरण का भी खुलासा नहीं किया गया। इसमें से एक उम्मीदवार की उम्र फार्म भरते समय केवल 19 साल थी और इस तरह से वह परीक्षा में शामिल होने के लिए पात्र नहीं था।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!