Edited By Deepika Rajput,Updated: 28 Aug, 2018 04:45 PM
उत्तर प्रदेश में भदोही की एक अदालत ने बीजेपी विधायक रविंद्रनाथ तिवारी और उनके परिवार के 4 अन्य सदस्यों तथा तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक सहित कुल 7 लोगों के खिलाफ फर्जी कागजात बनाकर जमीन हड़पने और उस पर अवैध निर्माण कराने के आरोप में मुकदमा दर्ज...
भदोहीः उत्तर प्रदेश में भदोही की एक अदालत ने बीजेपी विधायक रविंद्रनाथ तिवारी और उनके परिवार के 4 अन्य सदस्यों तथा तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक सहित कुल 7 लोगों के खिलाफ फर्जी कागजात बनाकर जमीन हड़पने और उस पर अवैध निर्माण कराने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
पुलिस अधीक्षक राजेश एस. ने बताया कि अदालत के आदेश पर मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। अदालत ने विधायक तिवारी, उनके परिवार के सदस्य विक्रमादित्य तिवारी, अरविंद तिवारी, सुभाष चंद तिवारी और सचिन तिवारी तथा फर्जी बैनामे में गवाह बने चंद्रजीत यादव और तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक आनंदकर पांडेय के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।
उन्होंने बताया कि यह मामला गांव चैगुना का है। अदालत में पीड़ित कृष्णा नंद तिवारी ने एक याचिका दाखिल करके कहा कि वर्ष 2008 में जौनपुर के बरसठी क्षेत्र से बसपा के विधायक रहे तिवारी और उनके साथियों ने अपने गांव की रकबा संख्या 126 की दो बीघा जमीन को फर्जी बैनामा दिखा कर एक संस्था के नाम कर दिया। उसके बाद उस संस्था पर शासन से 20 लाख रूपये अनुदान के रूप में प्राप्त कर लिए। इस सिलसिले में तैयार कागजात पर शासन की तरफ से तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक आनंदकर पांडेय ने जबकि संस्था की तरफ से विधायक ने दस्तखत किए थे।
जमीन के असल मालिक कृष्णानंद तिवारी ने बताया कि विधायक ने बालिकाओं का विद्यालय बनाने के लिए सरकार से 20 लाख रुपये हासिल किए, मगर स्कूल की जगह अपना मकान बनवा लिया। मामले की जानकारी होने पर उसने स्थानीय प्रशासन से न्याय की गुहार की मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। बाद में उसने अदालत की शरण ली।