Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 21 Sep, 2018 06:22 PM
पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शुक्रवार को हाथी से कार ङ्क्षखचवाकर अनूठा विरोध प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान लगातार बढ़ती महंगाई की ओर खींचने का प्रयास किया गया...
वाराणसीः पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शुक्रवार को हाथी से कार खिंचवाकर अनूठा विरोध प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान लगातार बढ़ती महंगाई की ओर खींचने का प्रयास किया गया।
सामाजिक संगठन‘‘सुबह-ए-बनारस क्लब के बैनर तले आयोजित विरोध प्रदर्शन में कार को रस्सियों के सहारे हाथी से खींचवाया गया। विशेश्वरगंज में चौराहे पर आयोजित अनूठे प्रदर्शन में हाथी के पीछे-पीछे चल रहे लोगों ने केंद्र के खिलाफ जमकर नारे लगाये तथा पेट्रोल एवं डीजल को जीएसटी के तहत लाने की मांग की। यह प्रदर्शन लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। उसे देखने के लिए बहुत से लोग जमा हो गए।
संस्था के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल का कहना है कि पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें बेलगाम हो गईं हैं। जनता बार-बार विरोध प्रदर्शन कर रही हैं लेकिन सरकार लगातार उनकी अनदेखी कर रही है। हाथी के सहारे विरोध कर सरकार का ध्यान खींचने के साथ यह संदेश भी देने की कोशिश की गई है कि नरेंद्र मोदी सरकार के करीब साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अपने उच्चतर स्तर पर पहुंचने से मध्यम वर्ग कितना परेशान है। उनके लिए कार में पेट्रोल एवं डीजल भरवाना हाथी पालने से कहीं महंगा साबित हो रहा है।
उनका कहना है कि पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें बढऩे से दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतें भी आसमान छू रही हैं जिससे पहले से परेशान गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों की मुश्किलें और बढ़ गईं हैं। इसलिए सरकार को चाहिए कि पेट्रोल एवं डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाकर कीमतें कम कर लोगों को राहत प्रदान करे। गौरतलब है कि इससे पहले उन्होंने घोड़ों से खींचवारकर अपना विरोध दर्ज कराया था। कई संगठनों की ओर से भैंस के आगे बीन बजाकर तथा बैल गाड़ी की सवारी कर पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन किये गए थे।